भारत की पहली एकीकृत कृषि-निर्यात सुविधा
- 29 Jul 2024
जुलाई 2024 में, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (JNPA) की 34 मिलियन अमेरिकी डॉलर (284.19 करोड़ रुपये) की परियोजना को मंजूरी दी।
- जिसके तहत पीपीपी मॉडल पर भारत की पहली 'निर्यात-आयात सह घरेलू कृषि वस्तु-आधारित प्रसंस्करण और भंडारण सुविधा' विकसित की जाएगी।
- इस सुविधा का उद्देश्य रसद को सुव्यवस्थित करना, हैंडलिंग चरणों को कम करना और कृषि उत्पादों की शेल्फ लाइफ को बढ़ाना है।
- इससे कृषि वस्तुओं के लिए मूल्य निर्धारण में वृद्धि, रोजगार सृजन और क्षेत्र में विकास को समर्थन मिलने की उम्मीद है, जिससे किसानों और निर्यातकों को लाभ होगा और साथ ही ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- यह गैर-बासमती चावल, मक्का, मसाले, प्याज और गेहूं के निर्यात को संभालेगा और मुंबई के बाहर मांस और समुद्री उत्पाद निर्यातकों को सहायता प्रदान करेगा।
- अनुमानित निर्यात क्षमता में 1,800 मीट्रिक टन का फ्रोजन स्टोर, 5,800 मीट्रिक टन का कोल्ड स्टोर और 12,000 मीट्रिक टन अनाज, अनाज और सूखे माल के लिए ड्राई वेयरहाउस शामिल हैं।
- महाराष्ट्र में JNPA देश का पहला प्रमुख बंदरगाह है जो पूरी तरह से PPP मॉडल पर काम कर रहा है।
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