'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक मंडप'
- 26 Jul 2024
25 जुलाई, 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों - 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर क्रमशः 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक मंडप' कर दिया।
- राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल, जिसका नाम बदलकर गणतंत्र मंडप कर दिया गया है, में राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोह और उत्सव आयोजित किए जाते हैं।
- दरबार हॉल को यह नाम अंग्रेजों ने दिया था, क्योंकि फ़ारसी में दरबार का मतलब राजाओं के दरबार और सभाओं से होता है।
- 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के बाद भारत के गणतंत्र और लोकतांत्रिक देश बनने के साथ ही दरबार शब्द की प्रासंगिकता खत्म हो गई और इसलिए इसके नाम के रूप में गणतंत्र मंडप को चुना गया है।
- 'अशोक हॉल' मूल रूप से अंग्रेजों के मनोरंजन के लिए बनाया गया एक बॉलरूम था। भाषा में एकरूपता लाने और अंग्रेजी उपनिवेशवाद के निशान को मिटाने के लिए इसका नाम बदलकर अशोक मंडप किया गया है।
- राष्ट्रपति भवन भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास और कार्यालय है।
- राष्ट्रपति भवन (तत्कालीन वायसराय हाउस) का निर्माण वायसराय लॉर्ड हार्डिंग के कार्यकाल (1910-1916) के दौरान शुरू हुआ और 1929 में वायसराय लॉर्ड इरविन के कार्यकाल के दौरान पूरा हुआ।
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