नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन
- 20 Jun 2024
19 जून, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के राजगीर में नालंदा के प्राचीन खंडहर स्थल के निकट, नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया।
- इसकी स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम 2010 के तहत की गई है।
- यह अधिनियम 2007 में फिलीपींस में हुए द्वितीय पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय का परिणाम था।
- भारत के अलावा, कुल 17 देशों ने नालंदा विश्वविद्यालय का समर्थन करने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
- नालंदा की स्थापना 5वीं शताब्दी की शुरुआत में बिहार में गुप्त वंश के कुमार गुप्त ने की थी और यह 12वीं शताब्दी तक लगभग 600 वर्षों तक सक्रिय रहा।
- यहां पर प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली ‘आयुर्वेद’, धर्म, गणित, व्याकरण, खगोल विज्ञान और भारतीय दर्शन जैसे विषय पढ़ाए जाते थे।
- यह 1193 ई. (12वीं शताब्दी) में, तुर्की शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के सेनापति बख्तियार खिलजी द्वारा नष्ट किए जाने तक बौद्धिक गतिविधियों का केंद्र बना रहा।
- 1812 में स्कॉटिश सर्वेक्षक फ्रांसिस बुकानन-हैमिल्टन द्वारा विश्वविद्यालय की पुनः खोज की गई और बाद में 1861 में सर अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा प्राचीन विश्वविद्यालय के रूप में इसकी पहचान की गई।
- वर्तमान में नालंदा विश्वविद्यालय यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।
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