भारत N2O उत्सर्जन का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत
- 13 Jun 2024
12 जून, 2024 को ‘अर्थ सिस्टम साइंस डेटा’ जर्नल में प्रकाशित ‘N2O उत्सर्जन के वैश्विक आकलन’ (Global Assessment of N2O Emissions) के अनुसार भारत, नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उत्सर्जन का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।
- वर्ष 2020 में मानवजनित N2O उत्सर्जन की मात्रा के हिसाब से शीर्ष पांच उत्सर्जक देश चीन (16.7%), भारत (10.9%), संयुक्त राज्य अमेरिका (5.7%), ब्राज़ील (5.3%) और रूस (4.6%) थे।
- पिछले चार दशकों में मानवीय गतिविधियों से N2O उत्सर्जन में 40% (प्रति वर्ष तीन मिलियन मीट्रिक टन N2O) की वृद्धि हुई है।
- 2020 और 2022 के बीच वृद्धि दर 1980 के बाद से किसी भी पिछली अवधि की तुलना में अधिक है।
- नाइट्रोजन उर्वरकों, जैसे अमोनिया और पशु खाद का उपयोग करने वाले कृषि उत्पादन ने पिछले दशक में कुल मानवजनित N2O उत्सर्जन का 74% योगदान दिया।
- अध्ययन के अनुसार वर्ष 2022 में वायुमंडलीय N2O की सांद्रता 336 भाग प्रति बिलियन तक पहुंच गई, जो पूर्व औद्योगिक युग के स्तर से लगभग 25% अधिक है।
- इसकी तुलना में, कार्बन डाइऑक्साइड, जो जल वाष्प के बाद प्रमुख ग्रीनहाउस गैस है, की सांद्रता वर्ष 2022 में 417 भाग प्रति मिलियन थी।
- N2O एक ग्रीनहाउस गैस है, जो वातावरण को कार्बन डाइऑक्साइड से कहीं अधिक गर्म करती है।
- सिंथेटिक नाइट्रोजन उर्वरकों और पशु खाद के अकुशल उपयोग से N2O उत्सर्जन के अलावा भूजल, पेयजल तथा अंतर्देशीय और तटीय जल का प्रदूषण भी होता है।
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