चुनावी बॉन्ड योजना असंवैधानिक : सुप्रीम कोर्ट
- 15 Feb 2024
15 फरवरी, 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) योजना पर सर्वसम्मति से रोक लगाने का निर्णय लिया है।
- शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड का विक्रय करने वाले बैंक ‘स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया’ को 3 हफ्ते में चुनाव आयोग के साथ सभी जानकारियां साझा करने का निर्देश दिया है।
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया वर्ष 2023 से लेकर अब तक की सारी जानकारियां चुनाव आयोग को देगा तथा आयोग इन जानकारियों को कोर्ट को प्रेषित करेगा।
- फैसला सुनाते हुए सीजेआई ने कहा कि चुनावी बॉन्ड, सूचना के अधिकार का उल्लंघन है।
- साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से पिछले 5 वर्षों के चंदे का हिसाब-किताब भी देने के लिए कहा है।
- अब निर्वाचन आयोग को यह जानकारी देनी होगी कि बीते 5 वर्षों में किस राजनीतिक दल को किसने कितना चंदा प्रदान किया गया।
- चुनावी बॉन्ड एक वचन-पत्र या धारक बांड की प्रकृति का एक उपकरण है, जिसे किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा खरीदा जा सकता है, बशर्ते वह व्यक्ति या निकाय भारत का नागरिक हो या भारत में निगमित हो।
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