स्वदेशी ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम
- 02 Feb 2024
रक्षा मंत्रालय ने 1 फरवरी, 2024 को बताया कि स्वदेशी रूप से विकसित ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम ने निर्धारित कक्षा (ऑर्बिट) में अपनी कार्यक्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।
- इसे पीएसएलवी सी-58 से एक पेलोड पर लॉन्च किया गया था।
- ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की प्रौद्योगिकी विकास निधि (TDF) योजना के तहत विकसित किया गया है।
- ‘1N क्लास ग्रीन मोनोप्रोपेलेंट थ्रस्टर' नामक तकनीक वाली इस परियोजना के लिए बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड को मंजूरी दी गई थी।
- इस नई तकनीक के चलते लो ऑर्बिट स्पेस के लिए नॉन-टॉक्सिक और पर्यावरण-फ्रेंडली प्रोपल्शन सिस्टम विकसित हो सका है।
- इस प्रणाली में स्वदेशी रूप से विकसित प्रोपेलेंट, फिल और ड्रेन वाल्व, लैच वाल्व, सोलेनॉइड वाल्व, कैटलिस्ट बेड, ड्राइव इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे