आदित्य-L1 मिशन सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित
- 08 Jan 2024
6 जनवरी, 2024 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सूर्य मिशन- 'आदित्य-L1' उपग्रह को ‘लैंग्रेज पॉइंट-1’ की हेलो ऑर्बिट (Halo Orbit) में सफलतापूर्वक स्थापित किया।
- लैग्रेंज पॉइंट-1 पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित है।
- आदित्य-एल1, 2 सितंबर 2023 को पीएसएलवी-सी57 के द्वारा प्रक्षेपित किया गया था। यह मिशन करीब 5 वर्ष की अवधि के लिए है।
- 'एल1 पॉइंट' पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का लगभग 1 प्रतिशत है।
- इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सौर वायुमंडल, विशेष रूप से क्रोमोस्फीयर और कोरोना का अध्ययन करना है।
- आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान अब क्रूज चरण से ऑर्बिट फेज में अपना ट्रांजिशन शुरू करेगा, जिसके बाद यह सूर्य का अवलोकन करेगा, साथ ही उससे निकलने वाली कई तरह की चीजों के बारे में जानकारी एकत्रित करेगा।
- आदित्य-एल1, सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला (First Space-based Indian Observatory) के रूप में कार्य करेगा।
- L1 पॉइंट के चारों ओर हेलो कक्षा में स्थित उपग्रह बिना किसी बाधा या ग्रहण के लगातार सूर्य का अवलोकन करने में सक्षम होता है।
- एल1 अंतरिक्ष में उस स्थान को कहा जाता है, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल एक जैसा होता है।
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