एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) मिशन
- 02 Jan 2024
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 1 जनवरी, 2024 को अपने पहले एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) मिशन का सफल प्रक्षेपण किया।
- पीएसएलवी-सी58 रॉकेट की मदद से सैटेलाइट को 6-डिग्री के झुकाव के साथ 650 किलोमीटर की इच्छित कक्षा में सटीक रूप से स्थापित किया गया है।
- यह मिशन करीब 5 वर्ष का होगा।
- सैटेलाइट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया।
- ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी58 रॉकेट ने अपनी 60वीं उड़ान में एक्सपोसैट के साथ 10 अन्य वैज्ञानिक पेलोड भी लॉन्च किए गए।
- एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह (एक्सपोसैट) को पृथ्वी की 650 किलोमीटर निचली कक्षा में स्थापित किया गया।
- एक्सपोसेट (XPoSat) का लक्ष्य अंतरिक्ष में एक्स-रे स्रोतों के ध्रुवीकरण की जांच करना है।
- XPoSat (एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट) चरम स्थितियों में उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करने वाला भारत का पहला समर्पित पोलारिमेट्री मिशन है।
- इस मिशन के माध्यम से अमेरिका के बाद भारत ब्लैक होल (आकाशगंगा) और न्यूट्रॉन सितारों का अध्ययन करने के लिए एक विशेष सैटेलाइट भेजने वाला विश्व का दूसरा देश बन गया।
- इसरो के अलावा अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाले कणों और अन्य खगोलीय घटनाओं का ऐसा ही अध्ययन किया था।
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