Question : वर्तमान विवादों के संदर्भ में दिल्ली विधानसभा की स्थिति की विवेचना कीजिए। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने में क्या बाधाएं मौजूद हैं तथा साथ ही अन्य संभावित विकल्पों की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः भारतीय संविधान के अंतर्गत 1991 में 69वें संविधान संशोधन के माध्यम से दो अनुच्छेद 239AA, 239AB को स्थापित किया गया, जिनका संबंध दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से है।
अन्य विकल्प
Question : प्रत्येक राष्ट्र का अपना एक विशिष्ट व्यक्तित्व होता है जिसका कि एक व्यक्ति के व्यक्तित्व के समान ही इतिहास के द्वारा उद्भव व विकास होता है। स्पष्ट करें।
Answer : उत्तरः राष्ट्रीय चरित्र एक ऐसा विषय है जिस पर 18वीं सदी से वाद-विवाद होता आया है, सामान्यतः यह माना जाता है कि प्रत्येक राष्ट्र की विलक्षण विशेषताएँ होती हैं। परन्तु दार्शनिकों में आज भी इस बात पर विभेद है कि राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण में भौतिक तथा धार्मिक कारकों में से किसका योगदान अधिक है।
Question : भारतीय संविधान का विवेक राज्यों की शक्तियों को सीमित करने की बात नहीं करता बल्कि सामाजिक परिवर्तन लाने हेतु राज्यों को सशक्त करने की बात करता है। सामाजिक न्याय के लक्ष्यों को प्राप्त करने में केंद्र तथा राज्यों की भूमिका की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः एक लिखित संविधान राज्य के विभिन्न अंगों को परिभाषित करता है व उनकी सत्ता को सीमित करता है। अतः इससे एक लोकतांत्रिक देश का उद्भव होता है, जहाँ सत्ता का विकेन्द्रण पाया जाता है।
भारतीय संविधान में सामाजिक न्याय संबंधी प्रावधान
Question : आधारभूत ढांचा का सिद्धांत वैयक्तिक स्वतंत्रता तथा सामाजिक न्याय की धुरी है। इस कथन के प्रकाश में इस पर चर्चा करें कि यह सिद्धांत स्वतंत्रता के परिरक्षण और सामाजिक न्याय को सुलभ बनाने में कहां तक सफल हुआ है?
Answer : उत्तरः संविधान के ‘आधारभूत ढांचे का सिद्धांत’ के पीछे विचार यह है कि यहां पर स्थान विशेष के ‘मूलभूत विधि’ के निश्चित गुण होते हैं जिसमें विधायिका के कार्यों द्वारा परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। इस परिप्रेक्ष्य में, यहां पर कार्यपालकीय विधान साथ ही साथ न्यायिक घोषणा आधारभूत ढांचे के सिद्धांत के प्राकृतिक रूप से अस्तित्व में होने का समर्थन करते हैं। भारत में यहां पर दो महत्वपूर्ण मामलों में इसी मुद्दे पर संसद द्वारा संविधान में संशोधन करने की शक्ति (अनुच्छेद 368) भारतीय संविधान के अंतर्गत, पर न्यायालय द्वारा विचार करके निर्णय किया गया। इसी परिप्रेक्ष्य में, प्रथम मामले गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य-1967 में निर्णय आया कि संसद, संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों में इस तरह का कोई संशोधन नहीं कर सकती है जो मूल अधिकारों के क्षेत्रधिकार को सीमित करता हो।
Question : श्यामा प्रसाद रूरबन मिशन की मुख्य विशेषताओं को बताइए।
Answer : उत्तरः श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूरबन मिशन को 2014 को बजट में शुरू करने की उद्घोषणा की गई। इसका मूल उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं प्रदान करना है। इसका उद्देश्य गांवों से शहरों की ओर हो रहे प्रवासन की समस्या से निपटने तथा शहरी प्रशासन व संसाधनों पर से दबाव को कम करना है।
Question : केंद्र सरकार ने अमीर और वंचितों के बीच की खाई को पाटने के लिए ‘डिजिटल इंडिया’ नामक एक पैन इंडिया कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। क्या यह बुनियादी भारतीय प्राथमिक शिक्षा की स्थिति के सुधार हेतु आवश्यक है? व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘डिजिटल भारत’ नामक कार्यक्रम की शुरुआत की गई। यह कार्यक्रम भारत को सशक्त समाज एवं ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए 2018 तक विभिन्न चरणों में चलाया जाएगा। इसके तहत सरकार दूरस्थ क्षेत्रों व समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक इंटरनेट को पहुंचाना चाहती है ताकि वह सूचनाओं से लाभान्वित हो सके। साथ ही सरकारी योजनाओं के बारे में आसानी से जान सके।
इस कार्यक्रम के अन्तर्गत सरकार ने निम्न उद्देश्यों की प्राप्ति का लक्ष्य रखा है-
Question : भारत में सामाजिक अंकेक्षण को उपलब्ध विभिन्न विधायी समर्थन की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः सोशल ऑडिट शब्द का पहली बार इस्तेमाल 1950 के दशक में हुआ। पिछले आठ सालों में यह शब्द भारत में काफी प्रचलित हुआ है जो इसके अन्तर्गत बढ़ती गतिविधियों की सूचना देता है।
Question : ‘सबका साथ, सबका विकास’ का विकासात्मक दर्शन प्रधानमंत्री जन-धन योजना का अंग है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना की विशेषताओं को बताएं।
Answer : उत्तरः भारत सरकार द्वारा वित्तीय समावेशन हेतु 28 अगस्त, 2014 से ‘जन धन नामक’ महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की गई है, ताकि लोगों को उचित दर पर आपातकालीन ऋण की सुविधा प्राप्त हो सके। इससे बचत को बढ़ावा मिलेगा तथा लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होगी। इससे लोगों को दमनकारी साहूकारी से छुटकारा भी मिलेगा।
पहले चरण (15 अगस्त, 2014 से 14 अगस्त, 2015) में पहले वर्ष के क्रियान्वयन के तहत तीन मुख्य स्तंभ है-
दूसरे चरण (15 अगस्त, 2015 से 15 अगस्त, 2018) में भी तीन लक्ष्य रखे गए हैं-
जन-धन योजना के मुख्य घटक
Question : महिलाओं को प्रभावित करने वाले सामाजिक न्याय के मुद्दों पर अपने सदस्यों को समर्थित करने की दृष्टि से SHGs विशेष स्थिति में लगते हैं। चर्चा करें।
Answer : उत्तरः ‘स्वयं सहायता समूह’ समान सामाजिक-आर्थिक परिस्थिति वाले व्यक्तियों द्वारा बनाया गया ‘सिविल समाज’ होता है और इसके द्वारा व्यक्तिगत और समुदाय के स्तर पर विकास को गति प्रदान की जाती है तथा समस्याओं का निराकरण किया जाता है।
‘स्वयं सहायता समूह’ की सामाजिक भूमिका
सामाजिक सद्भाव
सामाजिक न्याय
Question : देश के एक बड़े ग्रामीण क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण और पहुँच योग्य स्वास्थ्य सेवाओं की सुनिश्चितता आज भी एक चुनौती बना हुआ है। उपर्युक्त कथन के प्रकाश में प्राथमिकता के क्षेत्र, बाधाएं तथा उन बाधाओं को दूर करने हेतु उपायों की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः ‘राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रम’ 18 राज्यों पर विशेष ध्यान देते हुए संपूर्ण देश में लागू है। एनआरएचएम का मुख्य लक्ष्य वहनीय, प्रभावी, पहुंच के अंदर, जवाबदेह और भरोसेमंद मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं मुख्यतः गरीब और जनसंख्या के कमजोर वर्गों को उपलब्ध कराना है।
सरकार द्वारा उठाये गये कदम
निम्नलिखित क्षेत्रों पर केन्द्रित प्रयास की आवश्यकता है, यथा-
बाधाओं से मुक्त होने के लिए आवश्यक कार्य:
Question : पणधारकों (Stakeholders) से सलाह, सरकारी कार्यक्रमों की रूपरेखा वांछित उद्देश्यों के अनुरूप हो, यह सुनिश्चित करने की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उपर्युक्त कथन के प्रकाश में लोगों के भागीदारी की भूमिका की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः लोक प्रशासन में सिद्धान्ततः और व्यावहारिक रूप से नागरिक को नीति निर्माणकर्त्ताओं के संज्ञान का केन्द्र बिन्दु बनाने का सतत प्रयास चल रहा है न केवल लक्ष्य के रूप में बल्कि उत्प्रेरक के रूप में भी इसका उद्देश्य यह है कि इस रूप में नीतियों और सेवाओं को निर्मित किया जाए कि वह व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सक्षम हो साथ ही तात्कालिक परिस्थितियों में प्रासंगिक भी हो।
Question : ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ भारत को गरीबी से बाहर निकालने में मददगार साबित होगी। क्या आप सहमत हैं?
Answer : उत्तरः इस प्रकार देखा जाए तो सांसद आदर्श ग्राम योजना गांवों में स्वरोजगार को बढ़ाते हुए ग्रामीणों की हालत भी सुधारेगी। यह योजना अनोखा एवं परिवर्तनकारी है, क्योंकि इसमें समग्र विकास का दृष्टिकोण अपनाया गया है।
Question : ‘‘वर्तमान समाज की आवश्यकता तथा लोगों की आकांक्षाओं की यह मांग है कि आज के सिविल सेवकों को अपने समय के राजनीतिक, वैज्ञानिक, सामाजिक, आर्थिक तथा तकनीकी समस्याओं से निपटने हेतु तैयार होना चाहिए।’’ कल्याणकारी राज्य में नागरिक सेवाओं की परिभाषा करने हेतु इस कथन की व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः सरकार की भूमिका आश्चर्यजनक रूप से बदली है, पारम्परिक कार्य कई गुणा बढ़ गए हैं तथा विभिन्न आयामों में फैल गए हैं। अतः नई जिम्मेदारियों ने व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रेरित किया है। आज लोक सेवकों को नई तकनीक, प्रबन्धन तथा समन्वय की आवश्यकता है।
Question : हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने समान कार्य के लिए समान वेतन के नियम/कानून को लागू करने के दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। इस निर्णय के आलोक में बताएं कि समान कार्य के लिए समान वेतन निर्धारण में व्यावहारिक चुनौतियां क्या है और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है?
Answer : उत्तरः उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि यदि समान कार्य करने वाला कोई भी कर्मचारी समान कर्तव्य एवं उत्तरदायित्वों का निर्वाह करता है तो उसे दूसरे कर्मचारी की तुलना में कम वेतन नहीं दिया जाना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो यह श्रमिक की मानवीय गरिमा एवं स्वाभिमान के खिलाफ है। इस निर्णय को लागू करने में निम्नलिखित व्यवहारिक चुनौतियां आती हैं-
Question : वर्तमान भारतीय परिपेक्ष्य में समलैंगिक संबंधों को मान्यता देना वैयक्तिक स्वतंत्रता की मांग के अनुकूल प्रतीत होता है परंतु क्या वैयक्तिक स्वतंत्रता सामाजिक सास्कृतिक परिवेश से निरपेक्ष होनी चाहिए? इस पर अपना विचार व्यक्त करें?
Answer : उत्तरः समान लिंग के प्रति भावनात्मक एवं शारीरिक आकर्षण को समलैंगिकता की संज्ञा दी जाती है। यद्यपि लैंगिक आकर्षण प्राणी की मूल प्रवृत्ति रही है परंतु विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण को ही सामान्यतः माना जाता है और इसको ही मुख्यतः समान्य स्वीकृति मिली है।
Question : खाप पंचायत की वर्तमान गतिविधियों को देखते हुए इसे पूर्णतः प्रतिबंधित कर देना चाहिए। क्या आप इस मत से सहमत हैं? अपने मत के पक्ष में उत्तर दें।
Answer : उत्तरः खाप पंचायत सामाजिक प्रशासन व्यवस्था हेतु निर्मित एक संघ है जो प्रायः उद्योग समूह होता है। हाल के वर्षों में खाप पंचायत की गतिविधियों में प्रतिष्ठा हत्या (ऑनरकिलिंग) जैसे मामलों ने इसे चर्चा का विषय बना दिया है।
Question : समकालीन भारत में जाति आधारित जनगणना कुछ हानियों के बावजूद आवश्यक प्रासंगिक प्रतीत होती है। अपना मत प्रकट करें।
Answer : उत्तरः भारत में रहने वाली जनसंख्या का ऐसा जातिवादी विवरण जिससे व्यक्तियों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक स्थिति का विवरण प्राप्त किया जाता है। उसे जाति आधारित जनगणना की संज्ञा दी जाती है।
जाति आधारित जनगणना के पक्ष में तर्क
जाति आधारित जनगणना के विपक्ष में तर्क
Question : क्या आप मानते हैं कि भारत सरकार को सरकारी क्षेत्र की तरह निजी क्षेत्र में भी आरक्षण व्यवस्था को लागू करना चाहिए। अपने मत के पक्ष में उत्तर दें।
Answer : उत्तरः भारत में सामाजिक न्याय और समानता को स्थापित करने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। किन्तु यह व्यवस्था केवल सरकारी क्षेत्र में ही है निजी क्षेत्र में नहीं।
Question : क्या आप मानते हैं कि भारत में आरक्षण का आधार सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ेपन की जगह आर्थिक पिछड़ेपन को आधार बनाया जाना चाहिए?
Answer : उत्तरः भारत में आरक्षण का आधार सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ेपन को माना गया है क्योंकि आरक्षण की व्यवस्था सामाजिक न्याय और समानता के दर्शन पर आधारित है। किंतु पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग ने जोर पकड़ा है और इसके पक्ष में निम्नलिखित तर्क दिए जाते हैं-
Question : भारतीय समाज में सहिष्णुता का महत्व अतीत से रहा है। वर्तमान में इस मूल्य का ह्रास हुआ है इसके पीछे कौन से कारक उत्तरदायी प्रतीत होते हैं? चर्चा करें।
Answer : उत्तरः भारत एक बहुभाषी, बहुसांस्कृतिक व बहुधर्मी देश है। यहां के समाज का मूलमंत्र ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ है। इसी कारण सदियों से जो भी आक्रमणकारी, व्यापारी, दास या समुदाय यहां आए उसे यहां की सभ्यता ने अपने में समायोजित किया।
Question : महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता एवं वैधानिक दर्जा प्रदान करने में आर्थिक वृद्धि और विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कथन का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
आर्थिक वृद्धि और विकास पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव निम्न हैं-
Question : भारत में शिक्षा का स्वरूप ही सामाजिक समानता एवं सामाजिक न्याय के मार्ग में बड़ा अवरोधक है। टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः भारत में शिक्षा का स्वरूप असमान है जिनमें ज्यादातर असमानताएं महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजातियों एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के साथ पायी जाती है। एक तरफ भारत में पब्लिक स्कूल होते हैं जिनमें मुख्यतः उच्च एवं मध्य वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं क्योंकि उन स्कूलों की फीस एवं खर्च ज्यादा होते हैं जिन्हें आर्थिक रूप से सम्पन्न लोग ही वहन कर पाते हैं। लेकिन इन स्कूलों की शिक्षा का स्तर एवं गुणवत्ता उच्च होती है। अतः उच्च एवं मध्य वर्ग के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त करके जीवन में उच्च पदों और सम्मानजनक सामाजिक स्थिति प्राप्त करते हैं।
Question : हाल ही में सामान्य एवं आर्थिक दृष्टि से गरीब समुदायों के उत्थान के लिए सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में 10% आरक्षण का प्रावधान किया गया। युक्ति-युक्त विवेचना कीजिए।
Answer : उत्तरः ‘सिन्हो कमेटी’ की सिफारिशों को आधार बनाते हुए सरकार द्वारा 103वां संविधान संशोधन अधिनियम पारित किया गया है। इसके माध्यम से संविधान में अनुच्छेद 15(6) तथा अनुच्छेद 16(6) जोड़े जाएंगे, ताकि आर्थिक आधार पर आरक्षण को एक मजबूत आधार दी जाए तथा विवादों से तटस्थ रखा जाए।
आरक्षण के पात्र कौन होंगे?
राष्ट्र हित एवं सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में सुखद अनुभूति
राह कितना आसान?
Question : ‘विकलांगता से ग्रस्त व्यक्ति शिक्षा, रोजगार, परिवहन, खेलों, मनोरंजन तथा अन्य गतिविधियों तक पहुँच के मामले में भेदभाव के शिकार बने हुए हैं।’ विकलांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के उत्थान हेतु कुछ उपाय सुझाएं।
Answer : उत्तरः दिव्यांग एक ऐसे समूहों में से एक हैं, जिन्हें लंबे समय तक उपेक्षित, अभाव, अलगाव एवं बहिष्कार झेलना पड़ा है। हालांकि सामाजिक सशक्तीकरण का लक्ष्य समावेशी शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण जैसे तरीकों से ही हासिल किया जा सकता है। लिहाजा दिव्यांग लोगों को सामाजिक सशक्तीकरण हासिल करने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियों का क्रियान्वयन किया गया है।
सरकारी योजनाएं
उपाय