Question : भारत के लिए मध्य एशियाई देशों के महत्व का विश्लेषण कीजिए तथा उक्त क्षेत्र के सुरक्षा मामलों में भारत की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
Answer : उत्तरः मध्य एशियाई देश आने वाले वर्षों में वैश्विक विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं। मध्य एशियाई देश प्राकृतिक संसाधनों जैसे हाइड्रोकार्बन, लोहा, पेट्रोलियम इत्यादि खनिजों में बहुत ही संपन्न एवं स्वावलंबी है। मध्य एशियाई देश भौगोलिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। ये रूस, मध्य-पूर्व दक्षिण एशिया का सुदूर पूर्व के देशों के मध्य में स्थिति है। इन देशों की राजनीतिक स्थिति में परिवर्तन पड़ोसी देशों के अनुकूल एवं प्रतिकूल भी हो सकता है।
Question : भारत श्रम कानून अपने मूल चरित्र में औपनिवेशिक है। ‘मेक इन इंडिया’ जैसे कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु इसमें तीव्र सुधार की आवश्यकता है। भारतीय श्रम कानून और सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था में हाल में किए गए सुधार की व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः श्रम कल्याण का अभिप्राय कर्मचारियों को दी जाने वाली ऐसी सभी सेवाओं, सुख साधनों और सुविधाओं से है जो उनकी कार्य परिस्थिति तथा जीवन स्तर में सुधार लाती है। श्रम कल्याण शब्द की व्याख्या देशानुदेश और समय समय पर अलग-अलग हैं और यहां तक कि एक ही देश में, इसकी मूल्य प्रणाली के अनुसार, सामाजिक संस्था, औद्योगीकरण की डिग्री और सामाजिक एवं आर्थिक विकास के सामान्य स्तर के अनुसार अलग-अलग हैं। सामान्यतः श्रम कल्याण सेवाएं दो समूहों में विभाजित हैं-
Question : समाज के एक बड़े वर्ग के बहिष्करण से उभरने वाले मुद्दे क्या हैं? इन मुद्दों के समाधान हेतु आपके क्या सुझाव हैं?
Answer : उत्तरः पिछले दशकों में समावेशी विकास के अनेक प्रयास किए गए हैं, पर यह विचार का विषय है कि क्या ऐतिहासिक रूप से पिछड़े लोगों को इसका उचित फायदा मिला है या नहीं। पिछले कई वर्षों से एससी तथा एसटी के अन्य जनसंख्या से आर्थिक सामाजिक व राजनीतिक दूरी को पाटने के कई प्रयास किए गए हैं।
Question : एक उचित भूमि स्वामित्वीकरण नक्सलवाद और चरम वामपन्थी उग्रवाद के संकट के न्यूनीकरण की एक प्रमुख शक्ति हो सकती है। परीक्षण कीजिए।
Answer : उत्तरः वामपंथी उग्रवाद जिसे नक्सलवादी आंदोलन भी कहा जाता है, आज-कल नीति-निर्माण, मीडिया तथा समाजशास्त्रीय चर्चाओं के केंद्र में दिखायी दे रहा है। सरकार द्वारा इससे निपटने हेतु प्रयुक्त की गई नीतियों ने भी इसके प्रभाव को कम करने के प्रति तथा सबसे पहले इसे समझने हेतु नजरिये को दो दो-ध्रुवों में बांट दिया है।
आगे की राह
Question : नौकरशाही व पुलिस में लिंग भेद दृष्टिकोण की व्याप्ति को देखते हुए, एक संगठन में प्रतिक्रिया के संदर्भ में, महिलाओं के प्रति अपराध व बेहतर सुरक्षा के लिए एक सामान्य लिंग तटस्थ कैडर की आवश्यकता है। विश्लेषण करें।
Answer : उत्तरः सभी श्रेणियों (Ranks) के लिए एक सामान्य जेंडर तटस्थ कैडर का निर्माण किया जाना चाहिए। औरतों को उनकी योग्यता तथा अनुभव के आधार पर निरन्तर रूप से अग्रणी पदों पर नियुक्त किया जाना चाहिए। महिलाओं को करियर संबंधी आवश्यक जानकारियां देते हुए जागरूक बनाया जाना चाहिए। साथ ही, कार्यस्थल की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाना चाहिए।
Question : क्या आप इस बात से सहमत हैं कि ‘व्यक्ति कारण हैं तथा समाज प्रभाव है’? एक उपयुक्त समस्या अध्ययन के साथ अपने मत को पुष्ट कीजिए।
Answer : उत्तर: समाज मानव के पृथ्वी पर प्रथम अवतरण के काफी पश्चात् की परिघटना है अतः मुर्गे तथा अंडे जैसी उपमा व्यक्ति तथा समाज हेतु प्रयुक्त नहीं की जानी चाहिए क्योंकि समाज = Σ व्यक्ति
Question : स्वच्छता और कन्या भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों का हल कानून से नहीं किया जा सकता। समीक्षा कीजिए
Answer : उत्तरः वर्तमान भारत में कन्या भ्रूण हत्या तथा स्वच्छता दो ज्लवंत मुद्दे बनकर उभरे हैं जिनके लिए ब्रिटिश सरकार के काल से कानून बने हैं, परंतु आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है, क्योंकि मात्र कानून बना देने से समस्या हल नहीं होती। अतः अब हमें कानूनों के प्रवर्तन पर ध्यान देने के साथ-साथ लोगों की मानसिकता बदलने पर भी कार्य करना होगा।
Question : सभी प्रकार के सामाजिक भेदभाव को दूर करने के लिए नागरिक अधिकार अधिनियम 1955 तथा अनुसूचित जाति तथा जनजाति (अत्याचार का निषेध) अधिनियम 1989 दो प्रमुख विधिक दस्तावेज हैं। स्पष्ट करें।
Answer : उत्तरः अनुसूचित जाति तथा जनजाति क्रूरता अधिनियम-1989 भारतीय संसद द्वारा निर्मित एक ऐसा अधिनियम है जो अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के खिलाफ अत्याचार की रोकथाम करता है। अधिनियम को पीओए या SC/ST Act के नाम से भी जाना जाता है।
‘‘अनेक उपायों के बाद भी आज SC/ST के लोगों की हालत दयनीय बनी हुई है। वे लोग अनेक नागरिक अधिकारों से वंचित हैं। वे लोग आज भी असमानता, उत्पीड़न तथा अपमान के शिकार हैं। उन्हें अनेक हितों तथा सम्पत्ति से वंचित किया जा रहा है, उनके खिलाफ ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आर्थिक कारणों से गम्भीर अत्याचार किए जा रहे हैं।’’
Question : स्वास्थ्य क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम तथा ‘संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम’ (RNTCP) को जोड़ने का सुझाव दिय है। इस सुझाव की तार्किकता का परीक्षण कीजिए।
Answer : उत्तरः स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के बेहतर परिणामों के लिए खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम तथा संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम को जोड़ने का सुझाव दिया है।
पोषण तथा टी.बी. के अन्तर्सम्बन्ध को निम्नांकित बिंदुओं के अन्तर्गत समझा जा सकता है-
Question : नक्सलवाद विकास शून्यता की एक मात्र लक्षणात्मक अभिव्यक्ति है? आलोचनात्मक व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः नक्सलवाद कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों के उस आंदोलन का नाम है जो भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के फलस्वरुप उत्पन्न हुआ। नक्सल शब्द की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के छोटे से गाँव नक्सलबारी से हुई, जहाँ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता चारु मजूमदार और कानू सान्याल ने 1967 में सत्ता के खिलाफ एक सशस्त्र आंदोलन की शुरुआत की थी।
Question : आदिवासी समुदायों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों व समस्याओं के संदर्भ में वन बंधु कल्याण योजना के महत्व की चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः भारत में आदिवासी समुदाय सबसे पिछड़े एवं सुमेद्य वर्ग में शामिल है। आदिवासी समुदाय को ब्रिटिश काल से ही सामाजिक अपवर्जन का दंश झेलना पड़ा। यही वजह है कि स्वतंत्रता के पश्चात सरकार द्वारा आदिवासी समुदाय की समस्याओं को दूर करने के लिए कई कदम उठाए गए जिनका मिलाजुला असर रहा।
Question : उन कारणों की पहचान कीजिए जो कुछ अत्यधिक समृद्ध राज्यों में महिलाओं के लिए प्रतिकूल स्त्री-पुरुष अनुपात के लिए उत्तरदायी हैं।
Answer : उत्तरः 2011 की जनगणना का अवलोकन करने पर पता चलता है कि देश के कुछ समृद्ध राज्य यथा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि में स्त्री-पुरुष अनुपात अर्थात लिंगानुपात में राष्ट्रीय औसत की तुलना में अत्यधिक विषमता देखने को मिलती है। यदि हम इसके पीछे उत्तरदायी कारणों की खोज करते हैं तो निम्नलिखित कारण नजर आते हैं:
Question : आजादी के 70 वर्ष पश्चात भी भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति उतनी सुदृढ़ नहीं हुई है जितनी आजादी के समय सोची गई होगी। देश में स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार कारणों की चर्चा करते हुए सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का भी उल्लेख करें।
Answer : उत्तरः किसी भी राष्ट्र के सतत एवं समावेशी विकास में उस राष्ट्र का मानव संसाधन मुख्य भूमिका निभाता है। मानव को मानव संसाधन बनने में स्वास्थ्य सेवाओं की विशेष भूमिका होती है क्योंकि स्वस्थ्य मानव बेहतर मानव संसाधन की प्राथमिक शर्त होती है। भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर स्थिति नहीं होने के कारण आज भी भारत समावेशी व सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाया है। भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर स्थिति नहीं होने के कई कारण हैं:
Question : भारत में संप्रदायवाद एक शक्तिशाली विचारधारा है। टिप्पणी कीजिए।
Answer : उत्तरः संप्रदायवाद एक संकीर्ण विचारधारा है जिसमें एक संप्रदाय विशेष के विचार, व्यवहार तथा हित, अन्य धर्मों के विरोधी होते हैं। भारतीय समाज अतीत से ही सर्वधर्म समभाव पर आधारित रहा है परंतु ब्रिटिश शासन के दौरान फूट डालो तथा राज करो की नीति एवं हिन्दू पुनरूत्थान की नीति के कारण साम्प्रदायिकता का विकास हुआ और साम्प्रदायिक हिंसा के बीच धार्मिक आधार पर देश का विभाजन हो गया।
Question : सांप्रदायिकता 21वीं सदी की प्रमुख सामाजिक बुराइयों में से एक है। भारत में सांप्रदायिक हिंसा को उत्पन्न और प्रोत्साहित करने में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और प्रशासनिक कारक सामूहिक रूप से जिम्मेदार है। इस कथन की चर्चा कीजिए और इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए उपाय सुझाइए।
Answer : उत्तरः सांप्रदायिकता किसी विशेष धार्मिक समुदाय के प्रति हितों में अंतर्विरोध को दर्शाता है और इस आधार पर इसे किसी दूसरे समुदाय से पृथक करता है।
Question : महिला संगठनों को लिंगभेद से मुक्त करने के लिए पुरुषों की सदस्यता को बढ़ावा मिलना चाहिए। चर्चा करें।
Answer : उत्तरः महिला सशक्तीकरण आधुनिक समय में चल रही एक प्रमुख सामाजिक विकास की प्रक्रिया है। समाज को लिंगभेद से मुक्त करने के लिए सामाजिक रूप से तथा सरकारी रूप से प्रयत्न सतत् रूप से जारी है।
Question : भूमंडलीकरण को समझाते हुए भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण के प्रभाव पर चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः भूमंडलीकरण एक परिघटना न होकर एक प्रक्रिया है जो क्रमबद्ध एवं चरणबद्ध तरीके से वैश्विक समुदाय को एकीकृत करने का प्रयास कर रही है। आधुनिक समय में यह संकल्पना 1960 के दशक में चर्चा में आई। 1991 के पश्चात भारतीय अर्थव्यवस्था के खुलने से यह प्रक्रिया तीव्र हुई है।
Question : वैश्वीकरण ने एक आधुनिक परंतु अलगाविक मानव का निर्माण किया है। चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः वैश्वीकरण की प्रक्रिया आधुनिक राष्ट्र-राज्य के विकास का अनिवार्य शर्त बनता जा रहा है तथा इसने मानव जीवन के प्रायः हर पहलुओं यथा सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक पर अपना प्रभाव छोड़ा। फिर इसने भारत में भी जहां एक तरफ आधुनिक भारतीय समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तो वहीं दूसरी तरफ इसने अलगाविक मानव के निर्माण को भी जन्म दिया है। वैश्वीकरण के संपर्क में आकर जहां एक अंधविश्वासों से जकड़ा एवं रूढि़वादी भारतीय समाज को तार्किक एवं वैज्ञानिक सोच को जन्म दिया है जिससे कि भारतीय संस्कृति में विद्यमान कुरीतियों को निषेध किया गया अर्थात संस्कृति के तार्किकीकरण को प्रोत्साहन मिला है।
Question : उच्च शिक्षा में विदेशी निवेश एवं विदेशी शिक्षण संस्थाओं द्वारा भारत में अपने कैंपस स्थापित करने की पहल भारतीय उच्च शिक्षा को वैश्विक स्तर प्रदान करेगा या शैक्षिक वंचना में वृद्धि करेगा। इस धारणा पर आलोचनात्मक टिप्पणी कीजिए।
Answer : उत्तरः भारत में उच्च शिक्षा का मात्रात्मक एवं गुणात्मक स्तर काफी निराशाजनक है। यही वजह है कि भारत शिक्षा का सबसे बड़ा आयातक है। यही कारण है कि उच्च शिक्षण से संबंधित विदेशी संस्थाओं को भारत में कैंपस स्थापित करने का मुद्दा चर्चा में है।
विपक्ष में तर्क
Question : आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हेतु आशा की एक नयी किरण प्रतीत होती है। परन्तु प्रश्न यह है कि क्या यह योजना स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित कर पाएगी?
Answer : उत्तरः भारत जैसे विशाल देश में सस्ती, सुलभ, सुरक्षित और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं एवं सुविधाएं जुटाना आसान कार्य नहीं हैं। फिर भी हमेशा से सरकारों का बल रहा है कि देश के गरीब और मध्यम वर्ग को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भटकना न पड़े, अनावश्यक खर्च न करना पड़े। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर सरकार ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की है।
Question : “किसी समाज में स्वच्छता, स्वतंत्रता से अधिक महत्त्वपूर्ण है। हमारे जैसे समाज में तो स्वच्छता एक साझा आध्यात्मिक प्रयास की तरह है और यह एक मूल अधिकार है।“ महात्मा गांधी।
Answer : उत्तरः महात्मा गांधी का उपरोक्त कथन मानव जीवन में स्वच्छता के महत्व को बताता है। गांधी जी स्वच्छता को स्वतंत्रता से अधिक महत्व देते हैं क्योंकि स्वच्छता की कमी से न सिर्फ भारी आर्थिक दुष्परिणाम सामने आते हैं, बल्कि इसके गंभीर सामाजिक दुष्परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं और इससे सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तर पर हमारा जीवन ठप पड़ सकता है।
Question : देश में शिक्षा प्रणाली में आवश्यक संसाधन एवं निवेश के अभाव को देखते हुए कई विशेषज्ञों ने भारत में चुनाव आयोग एवं न्यायपालिका जैसे आदर्श प्रतिमान रूपी संवैधानिक ढांचे की तर्ज पर शिक्षा आयोग के गठन को आवश्यक बताया है। क्या आप सहमत हैं?
Answer : उत्तरः भारत में शिक्षा का स्तर तथा इसके लिए उपलब्ध संसाधनों के उचित उपयोग को लेकर हमेशा से ही आलोचना सहनी पड़ी है क्योंकि भारत में मानव संसाधन, वित्तीय संसाधन होने के बाद भी भारत में शिक्षा का स्तर उतना अच्छा नहीं है जितना होना चाहिए था।
Question : लोक और निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की कमियों का आलोचनात्मक वर्णन करें। यह भी बताएं कि किस प्रकार से निजी चिकित्सा अभ्यास जनता को सुलभ और सस्ती चिकित्सा प्रदान कर सकता है?
Answer : उत्तरः भारत में केंद्रीय सरकार द्वारा अनेक स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं और नीतियां चलाई गई हैं ताकि लोगों को सस्ता और सुलभ चिकित्सा उपलब्ध हो सके। भारत में लोक और निजी दोनों क्षेत्र स्वास्थ्य के लिए कार्य कर रहे हैं। लेकिन दोनों क्षेत्रों में अलग अलग प्रकार की समस्याएं देखने को मिलती है।
लोक क्षेत्र में समस्याएं
Question : भारत में विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के स्तर की व्याख्या कीजिए। इस संदर्भ में भारत सरकार की रणनीति क्या है?
Answer : उत्तरः हाल के वर्षो में विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की कम भागीदारी का होना वैश्विक चिंता का कारण बन चुका है। ऐसा अनुभव किया जाता है कि मानव के ज्ञान एवं समझ में विविधता एवं संमृद्धि को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक कार्यबल में महिलओं की उपस्थिति का होना अनिवार्य है।
महिला वैज्ञानिक योजना (डब्ल्यू ओएस)
किरण (KIRAN) योजना
Question : स्वतंत्रता के बाद अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के प्रति भेदभाव को दूर करने के लिए, राज्य द्वारा की गई दो मुख्य विधिक पहलें क्या हैं?
Answer : उत्तरः भारतीय संविधान में सभी वर्गों को सामाजिक एवं राजनीतिक न्याय दिलाने के लिए तथा आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए समाज के उपेक्षित एवं शोषित लोगों के लिए कुछ विशेष उपबन्ध अधिकथित किए गए हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 366(क) में ‘अनुसूचित जनजातियों’ को परिभाषित किया गया है। अनुसूचित जनजातियां मुख्य रूप से ऐसे समुदाय हैं जो मुख्यतः मुख्यधारा के समाज से अलग-थलग जंगली एवं पर्वतीय क्षेत्रों में निवास करते हैं।
Question : उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक कितना कारगर साबित होगा? टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः उपभोक्तावाद की बढ़ती प्रवृत्ति तथा ऑनलाइन शॉपिंग के प्रति लोगों का बढ़ता रूझान बाजार के बदलते परिदृश्य को प्रस्तुत करता है। भारत जो वर्तमान में ऑनलाइन शॉपिंग के एक बड़े एवं अधिक मांग पैदा करने वाले बाजार के रूप में उभरा है; में जनता में जागरुकता का अभाव होने से उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित प्रश्न उठना भी स्वाभाविक है। इस प्रकार इन्हीं अधिकारों के संरक्षण के दृष्टिगत उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018 लाया गया, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का स्थान लेगा। इस विधेयक के प्रावधान निम्नलिखित हैं-
Question : भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली की प्रमुख समस्याओं एवं मुद्दों को रेखांकित करें, जैसे नई ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017’ इनका समाधान कर पाएगी विश्लेषण करें।
भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को संक्षेप में बताते हुए इसके समक्ष विद्यमान समस्याओं एवं मुद्दों का बिंदुवार उल्लेख करें इसके बाद ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017’ के उन आयामों का उल्लेख करें जिससे इन समस्याओं का समाधान हो सकता है। संतुलित निष्कर्ष दें।
Answer : उत्तरः भारत में नागरिकों के स्वास्थ्य की देखभाल की जिम्मेदारी संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत राज्य को दी गई तथा समय के साथ राज्य (केंद्र एवं राज्य) अपनी राजकोषीय क्षमता के अनुरूप नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य एवं बीमारियों से बचाने के लिए प्रयास किए हैं परंतु राज्य द्वारा किए जा रहे प्रयासों एवं स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि के बीच असंतुलन से तथा अन्य दूसरे कारणों से भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली के समक्ष गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई है जो निम्नलिखित है-
Question : पेसा (PESA) अधिनियम जनजातीय क्षेत्रों की शासन की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए निर्मित किया गया, किंतु यह उग्रवाद के प्रसार को विस्तार देने में सहायक रहा है; समझाइए।
Answer : उत्तरः संसद द्वारा पेसा (PESA) अधिनियम का निर्माण 73वें संविधान संशोधन के प्रावधानों को 5वीं अनुसूची के अनुसूचित क्षेत्रों तक लागू करने के लिए किया गया। इसके माध्यम से अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा को सशक्त बनाया गया है और स्थानीय स्वशासन की इकाइयों अर्थात पंचायतों की स्थापना की गई है।
Question : ‘‘राज्यों के मध्य तथा उनके अंदर क्षेत्रीय असमानता का अस्तित्व तथा उसका बना रहना अवहेलना, वंचना तथा भेदभाव की भावना को जन्म देता है। साथ ही क्षेत्रीय असंतुलन कई प्रकार से भारत में क्षेत्रवाद का मुख्य कारण है’’। इस कथन को स्पष्ट करें।
Answer : उत्तरः भारतीय लोकतंत्र को निरंतर क्षेत्रवाद की समस्या से जूझना पड़ रहा है जो कि मुख्यतः क्षेत्रीय असमानता तथा असंतुलित विकास का परिणाम है। भारत एक विविधतापूर्ण देश है। यहां अनेक धर्मों, भाषाओं तथा संस्कृतियों का अस्तित्व है। प्रायः ये भाषाएं तथा संस्कृतियां किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र के लोगों की विशिष्ट भाषायी एवं सांस्कृतिक पहचान होती हैं।
Question : सामाजिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? भारत में सामाजिक सुरक्षा की स्थिति का विश्लेषण करें।
Answer : उत्तरः ‘सामाजिक सुरक्षा’ सरकार की एक ऐसी पहल होती है जो अल्प आय वाले लोगों या बेसहारा लोगों को उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति एवं जीवन के हर अवस्था में गरिमापूर्ण जीवन बिताने के लिए सहायता प्रदान करती है या यह राज्य द्वारा नागरिक जीवन को और बेहतर बनाने के लिए मौद्रिक सहायता प्रदान करने का प्रयास भी हो सकता है।
Question : ‘‘यह साधरणतया देखा गया है कि सांप्रदायिकता के निर्माण में निर्णायक भूमिका धार्मिक नहीं अपितु गैर-धार्मिक बलों की होती है’’। चर्चा करें।
Answer : उत्तरः भारतीय संविधान भारत को एक पंथनिरपेक्ष राज्य घोषित करता है। पंथनिरपेक्षता का अर्थ है राज्य का कोई पंथ नहीं है। यह सभी पंथों का समान रूप से आदर करता है तथा किसी विशिष्ट पंथ का पक्ष नहीं लेता। पंथनिरपेक्षता के साथ ही भारत में लोकतंत्र को अपनाया गया है, जिसके अंतर्गत सभी नागरिकों को एक समान मताधिकार प्रदान किया गया है।
Question : भारत में नक्सलवाद केवल सामाजिक-आर्थिक कारणों से ही नहीं है बल्कि यह क्षेत्र के भूगोल और स्थलाकृति से भी बल पाता है। व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः स्वतंत्रता के पश्चात भारत में राजनीतिक उद्देश्यों से चलने वाले आंदोलनों में नक्सलवाद अत्यंत महत्वपूर्ण है। यद्यपि यह उतार-चढ़ाव से युक्त रहा, परंतु यह सबसे लंबे समय तक चलने वाला आंदोलन रहा। इसके अतिरिक्त यद्यपि यह बिखराव से युक्त रहा है, परंतु सिद्धांत, रणनीति तथा विभिन्न समूहों को अपने भीतर समाहित करने में एक निरंतरता देखी जा सकती है।
भौगोलिक कारण
Question : कुपोषण भारत में एक गंभीर समस्या के रूप में विद्यमान है। कुपोषण से निपटने के लिए प्रारंभ किए गए ‘राष्ट्रीय पोषण मिशन’ (National Nutrition Mission) की प्रमुख विशेषताओं को रेखांकित करते हुए दिखाएं कि यह कारगर साबित होगा।
Answer : उत्तरः कुपोषण से निपटने में यह विरोधाभास ही है कि 1991 से अब तक देश के सकल घरेलू उत्पाद में तीव्र गति से की वृद्धि हुई। लेकिन देश में कुपोषण की स्थिति लगभग जस की तस बनी हुई है।
इस मिशन की कार्य योजना एवं प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
Question : ‘राज्यों के मध्य तथा राज्यों के अंतर्गत क्षेत्रीय असमानता की उपस्थिति तथा उसकी निरंतर उपेक्षा तथा वंचना भेदभाव की भावना को जन्म देती है साथ ही क्षेत्रीय असमानता भारत में कई प्रकार से क्षेत्रवाद का मुख्य कारण है।’ कथन को स्पष्ट करें।
Answer : उत्तरः एक क्षेत्र के निवासियों के बीच धर्म, भाषा, रहन-सहन व परंपराओं; विकास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चरणों; सामान्य ऐतिहासिक परंपराओं; जीने के एक समान तरीके, आदि के कारण भावनात्मक लगाव होता है। आर्थिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक आधार पर प्रतियोगिता या भेदभाव या न्याय के लिए इच्छा या पक्षपात क्षेत्रवाद को जन्म देता है।
Question : जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वंद्वों और विवादों को जन्म देते हैं। इसे उपयुक्त उदाहरणों द्वारा समझाइए।
Answer : उत्तरः यह सत्य है कि जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वंद्वों और विवादों को जन्म देता है। जल मनुष्य की आवश्यकता की मूलभूत वस्तु है। हम आए दिन उन शहरी इलाकों में जहां जल की उपलब्धता की कमी है और निम्न आय वर्ग को सार्वजनिक स्थलों से ही अपनी आवश्यकता की पूर्ति करनी होती है, अक्सर सामाजिक विवादों व झगड़ों का मूल कारण जल प्राप्ति ही होती है। कभी-कभी यह विवाद जानलेवा भी हो जाता है।
Question : जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राईफेड) की स्थापना जनजातीय लोगों को उनके गौण वन उत्पाद हेतु लाभकारी मूल्य एवं विपणन सहायता प्रदान करने के मुख्य उद्देश्य से की गयी थी। ट्राईफेड के मुख्य कार्यों की सूची दें तथा जनजातीय आजीविका के सुधार में इसके प्रदर्शन का मूल्यांकन करें।
Answer : उत्तरः ट्राईफेड की स्थापना 1987 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदाय को विपणन सहायता उनके लघु वन्य उपजों (MFP) तथा कृषि अधिशेष उपजों के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करना, और बिचौलियों तथा निजी व्यापारियों के शोषण से उन्हें बचाना है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ‘ट्राईफेड’ जनजातीय कला और शिल्प को प्रोत्साहन देता है तथा देश के जनजातीय शिल्पकारों के कल्याण का काम करता है।
Question : भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली दहलीज़ पर खड़ी है- पहुँच, सामर्थ्य, सेवा की गुणवत्ता तथा दक्षता महत्वपूर्ण मुद्दे बने हुए हैं। इस परिप्रेक्ष्य में भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य की प्राप्ति में प्रमुख बाधाओं की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः भारत में स्वास्थ्य सेवाएं निजी व सरकारी क्षेत्रों द्वारा प्रदान की जाती हैं। उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता में बहुत अंतर होता है। गरीब लोगों को आधारभूत चिकित्सा सेवाएं भी प्राप्त नहीं होती है। आजादी के बाद के समय से स्वास्थ्य की देखभाल संबंधित ढांचे में व्यापक बदलाव देखने को मिला है, लेकिन जनसंख्या वृद्धि, परिवर्तित जीवन-पद्धति और नित नए रोगों के उभरने से स्वास्थ्य संबंधित समस्या चिंता का विषय है।
Question : भारत में रोजगार बढ़ाने हेतु नीतियों में क्या-क्या अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक सुधार किये जाने चाहिए। टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः भारत विश्व का सबसे युवा देश है। जनसांख्यिकी लाभांश भी हमारे पक्ष में है। 50 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या कार्यशील है। परंतु यदि देश इतनी विशाल युवा कार्यशील शक्ति को रोजगार देने में असमर्थ होता है तो यही जनसांख्यिकी लाभांश-जनसांख्यिकी विनाश से परिवर्तित होने लगेगा। इसलिए वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि सरकार एवं नीति निर्माता रोजगार के अवसर बढ़ाने हेतु अपनी नीतियों में निम्न सुधार करे-
1.अल्पकालिक सुधारः इसके अंतर्गत-
2.मध्यकालिक सुधारः इसके अंतर्गत निम्न सुधार किये जाने चाहिए-
3.दीर्घकालिक उपायः इसके अंतर्गत निम्न सुधार किये जाने चाहिए-
Question : मेंटल हेल्थ बिल-2013 के अंतर्गत रोगियों को कौन से अधिकार प्रदान किए गए हैं तथा इनको लागू करने में क्या चुनौतियां विद्यमान हैं?
Answer : उत्तरः भारत ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र संघ के अभिसमय को 2007 में स्वीकार किया तथा उसी को सुनिश्चित करने हेतु हाल ही में राज्य सभा द्वारा मेंटल हेल्थ अधिनियम-1987 में बड़े संशोधन लाकर इसे मेंटल हेल्थ बिल-2014 से प्रतिस्थापित करने का निर्णय लिया है। इस बिल के तहत संबंधित रोगियों को निम्नलिखित अधिकार प्रदान किए गए हैं:
लागू करने में चुनौती
उपर्युक्त चुनौतियों के बावजूद सरकार का यह प्रयास सराहनीय है तथा यह मनोरोगी एवं अन्य मानसिक रोगियों को लाभ भी पहुंचाएगा।
Question : भारत के द्वारा रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन को लेकर पिछले वर्षों में कई कदम उठाए गए हैं। क्या रक्षा क्षेत्र में FDI की सीमा बढ़ाने से भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बल मिलेगा?
Answer : उत्तरः भारत के द्वारा वर्तमान में भी अपनी रक्षा जरुरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। इस कारण से ही भारत को विश्व के सबसे बड़े रक्षा उत्पाद के आयातकों में से गिना जाता है। हालांकि पिछले वर्षों में इस प्रवृत्ति में एक बदलाव की शुरुआत हुई है तथा इस नवीन बदलाव के तहत यह प्रयास किया जा रहा है कि भारत द्वारा रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में कुछ स्वदेशी उत्पाद भी बनाए जाएं। इस नई प्रवृत्ति को सरकार की विभिन्न नीतियों से भी समर्थन प्राप्त हुआ है। यथा- मेक इन इंडिया, डिफेंस एक्सपो, रक्षा क्षेत्र में FDI की सीमा बढ़ाना आदि।
Question : ‘अफस्पा के माध्यम से सेना के द्वारा बल का अतिशय प्रयोग मानवाधिकार हनन को बढ़ावा देता है।’ सर्वोच्च न्यायालय के मणिुपर में अफस्पा के दुरुपयोग को लेकर आए हालिया आदेश के संदर्भ में इस कथन का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए तथा इस आदेश से संबंधित क्षेत्र में आने वाली सुरक्षा चुनौतियों की भी चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः अफस्पा कानून, जिसका निर्माण भारतीय संसद ने एक अधिनियम पारित कर किया है। इसके तहत संबंधित क्षेत्र में शांति की स्थापना करने हेतु सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार दिए जाते हैं। इसी कानून को लेकर कई वर्षों से विरोध जताया जाता रहा है। इसी क्रम में हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने द्वारा ही मणिपुर में अफस्पा के अंतर्गत बल के अतिशय प्रयोग के संबंध में संज्ञान लेते हुए इसे मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन बताया तथा अफस्पा के तहत मिलने वाले विशेष अधिकारों पर एक प्रश्न चिन्ह लगा दिया।
इस निर्णय का सबल पक्ष
इस निर्णय का दुर्बल पक्ष एवं संबंधित सुरक्षा चुनौतियां
अंत में हम कह सकते हैं कि मानवाधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में यह निर्णय मील का पत्थर सिद्ध हो सकता है किंतु हमें सुरक्षा चुनौती को भी ध्यान में रखना चाहिए।
Question : भारत में वाम उग्रवाद के विस्तार के कारणों पर टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग के मुताबिक वाम उग्रवाद के प्रसार के लिए मुख्यतः विकास का अभाव एवं इससे उत्पन्न असंतोष उत्तरदायी रहा है। आयोग ने वाम उग्रवाद के विस्तार के निम्न कारण बताए हैं-
भू-संबद्ध कारक
विस्थापन से जुड़े मुद्दे
आजीविका से जुड़े कारक
सामाजिक बहिष्कार से जुड़े कारक
सरकार से जुड़े कारक
Question : हमारी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में सागरमाला परियोजना की जरूरत पर प्रकाश डालें
Answer : उत्तरः हम सभी जानते हैं कि 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमलों के हमलावर सामुद्रिक रास्ते से भारत आए थे। अभी हाल ही में घटित एक घटना में आतंकी पुनः समुद्री रास्ते से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे लेकिन भारतीय सीमा में घुसने के पूर्व ही उनकी नौका को नष्ट कर दिया गया।
Question : CCTNS परियोजना में आंतरिक सुरक्षा के परिदृश्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने की क्षमता है, स्पष्ट करें।
Answer : उत्तरः CCTNS का अर्थ है Crime & Criminal Tracking System (अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली) जो कि ई-गवर्नेंस हेतु एक पहल है एवं राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस मिशन के तहत पुलिस आधुनिकीकरण का एक हिस्सा है। इसका उद्देश्य देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति का निरीक्षण एवं प्रबंधन करना है।
Question : भारत की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए तकनीक के योगदान का वर्णन कीजिए।
Answer : उत्तरः आज हम सूचना एवं संचार तकनीक को उच्च तकनीक की संज्ञा देते हैं जो कि किसी भी देश के आर्थिक विकास हेतु अत्यंत शक्तिशाली हथियार है। न सिर्फ आर्थिक विकास में बल्कि अन्य क्षेत्रों के विकास हेतु भी यह अत्यंत उपयोगी है। यह इस तकनीक का ही कमाल है कि हम दूर के लोगों को देख सकते हैं।
Question : सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण परिवर्तनों पर प्रकाश डालें। यह हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों को सुरक्षित रखने में कैसे सहायक हो सकता है?
Answer : उत्तरः सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम की शुरुआत 1986-87 में उन 17 राज्यों में हुई थी जिनकी सीमाएं अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा को छूती है। इसका मुख्य उद्देश्य विशेष विकास जरूरतों को पूरा करना, सीमा सुरक्षा एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का कल्याण करना था। इसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रें में केंद्र, राज्य एवं स्थानीय प्रशासन के सहयोग से पूर्ण रूपेण अवसंरचना का विकास करना था। अभी हाल ही में गृह मंत्रालय ने कार्यक्रम में कुछ परिवर्तन किए हैं। कार्यक्रम में निम्न परिवर्तन हुए-
Question : आतंकवाद से निपटने में देश को और अधिक सक्षम बनाने हेतु NATGRID की जरूरत पर प्रकाश डालें।
Answer : उत्तरः NATGRID देश को आतंक से लड़ने में और अधिक सक्षम बनाने हेतु उपयोगकर्ता एवं प्रदाता दोनों को जोड़ने में प्रयुक्त संचार तकनीक को और अधिक मजबूत बनाएगी। इसके द्वारा सेवा उपयोगकर्ता एवं सेवा प्रदाता दोनों संयुक्त रूप से सूचनाओं का विश्लेषण करेंगे एवं आतंकवाद से लड़ने हेतु साझा प्रयास करेंगे।
Question : स्मार्ट पोलिसिंग से आप क्या समझते हैं? इस कार्यक्रम के परिप्रेक्ष्य में भारत में पुलिस व्यवस्था से संबंधित सुधारों की जरूरत पर प्रकाश डालें।
Answer : उत्तरः अंग्रेजी के स्मार्ट (SMART) शब्द का मतलब होता है
Question : अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार भारत में साइबर अपराध बढ़ा है। इस संबंध में विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस संदर्भ में साइबर अपराध से निपटने हेतु अपना सुझाव दें।
Answer : उत्तरः जैसे ही राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने यह घोषित किया कि देश में साइबर अपराध में वृद्धि हुई है वैसे ही गृह मंत्रालय ने निम्न बिंदुओं पर सिफारिश हेतु विशेषज्ञ समिति गठित कर दी-
इनमें सबसे महत्वपूर्ण सिफारिश भारतीय साइबर अपराध समन्वयन केंद्र की स्थापना करना था जिसकी मुख्य विशेषताएं थी-
Question : क्या आप इससे सहमत हैं कि कर चोरी को मनी लांड्रिंग एक्ट, 2002 के अंतर्गत आपराधिक गतिविधि के रूप में देखा जाना चाहिए, यदि हां तो संशोधन के प्रति सुझाव दें?
Answer : उत्तरः कर चोरी सामान्यतः उन लोगों के द्वारा किया जाता है जिनकी आय ज्यादा होती है। ये छोटे व्यापारी से लेकर बड़े-बड़े बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मालिक तक हो सकते हैं जो सामान्यतः अपने क्षेत्र में प्रतिष्ठित होते हैं।
Question : यह भारत के लिए चिंता का विषय है कि विश्व का मुख्य आतंकी संगठन भारत के दरवाजे तक पहुंच गया है। उन रणनीतियों के बारे में बताएं जिसे भारत द्वारा इन खतरों से निपटने हेतु अपनाया जाना चाहिए।
Answer : उत्तरः यह भारत के लिए चिंता का विषय है कि इस्लामिक स्टेट का प्रभाव इसके पड़ोसी देशों में देखने को मिल रहा है। हाल ही में 4 बांग्लादेशी ब्लॉगर तथा एक इटालियन की ढाका में हत्या होना एवं उसके पश्चात् इस्लामिक स्टेट का उसकी जिम्मेदारी लेना महज एक घटना नहीं हो सकती है। यह सब योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है जिससे भारत को इस मामले में गंभीर होने की जरूरत है।
Question : IT एक्ट की धारा 664 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया है। यह साइबर अपराध के समाधान का एक मुख्य हथियार था या मानवाधिकारों के संरक्षण का उल्लंघनकर्ता। इस कथन पर आप अपना स्पष्टीकरण दीजिए।
Answer : उत्तरः यह समझने के लिए सर्वप्रथम हमें यह जानना होगा कि IT एक्ट 2018 क्यों लाया गया था। यह एक्ट 2008 के मुंबई हमलों के पश्चात् लाया गया था जिसमें हमलों का मिनट दर मिनट का जीवंत प्रदर्शन मीडिया द्वारा किया गया था जिससे आतंकवादियों को हमारे अभियान के बारे में जानने में मदद मिली।
Question : भारत में आंतरिक संघर्ष का मूल्यांकन और प्रतिरोध वर्तमान और प्रमुख आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रतिमान के तहत नहीं बल्कि एक दीर्घ युद्ध प्रतिमान के तहत किया जाना चाहिए। क्या आप सहमत हैं? इस प्रस्ताव के समर्थन पर चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः भारत संभावनाओं के साथ ही विरोधाभासों का भी देश है। अत्यंत समृद्धि तथा आर्थिक विकास के साथ भीषण गरीबी तथा अवसरों की कमी एक साथ विद्यमान देखी जा सकती है। सामान्यतः इसे ही ‘‘दो भारत’’ के रूप में भी देखा जाता है। यह सभी कमियां और विरोधाभास कई प्रकार के आंतरिक और बाहरी अस्थिरता भरी ताकतों के परिणामस्वरूप जटिल हो जाती हैं तथा कई प्रकार के विवाद तथा आंतरिक संघर्षों को जन्म देती है।
नीति निहितार्थ
Question : बढ़ती क्षेत्रीय असमानताएं व विकास घाटा, भारत में बढ़ रहे आतंकवाद के लिए चिन्ता का प्रमुख कारण हैं। आलोचनात्मक चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः 1990 के उपरांत शुरू हुए आर्थिक उदारीकरण ने 1997 के उपरांत भारत के वृद्धि दर को 7 प्रतिशत के स्तर पर रखा है। यह दर 1970 के दशक में लगभग 3.5 प्रतिशत थी। इन वर्षों में भारत ने स्वयं को कृषि अर्थव्यवस्था से सेवा अर्थव्यवस्था में परिवर्तित कर लिया है।
सुझाव
Question : राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु लगाव एवं राष्ट्रीयता की भावना आवश्यक है। चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः राष्ट्र एक अमूर्त संकल्पना है। इसका मतलब ये नहीं होता है कि क्षेत्र, इमारतें, धन संम्पदा से इसका निर्माण होता है, बल्कि इसका निर्माण लोगों के पीढ़ी दर पीढ़ी एक साथ एक व्यवस्थित तरीके से रहने से होता है। अतः अगर कोई एक समुदाय ये महसूस करता है कि वो अन्य समुदाय से मेल या बराबरी या सहयोग के साथ नहीं रह पा रहा है, चाहे उसके कारण जो भी हो, चाहे वो राजनीतिक आर्थिक, समाजिक। वो अपनें आप को उस समुदाय से अलग करना चालू कर देते हैं, और यहीं से राष्ट्र की सुरक्षा एवं निष्ठा संकट में आ जाती है।
Question : भारत की लंबी तटरेखा विभिन्न सुरक्षा जोखिमों के लिए भेद्य है। हमारी तटीय सीमाएं राष्ट्र-विरोधी तत्वों से किस प्रकार सुरक्षित की गईं हैं? इस संदर्भ में वर्ष 2008 में क्या परिवर्तन किये गये हैं?
Answer : उत्तरः भारत के पास 14880 किमी. का भूमि सीमा है, जो 92 जिलों तथा 17 राज्यों से सटा हुआ है तटीय सीमा जो 5422 किमी का है। 12 राज्यों और संघशासित प्रदेशों से जुड़ा हुआ है। भारत के पास 1197 द्वीपसमूह भी है जो 2094 किमी का अतिरिक्त तटीय सीमा को बढ़ाता है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, दिल्ली और हरियाणा को छोड़कर सभी राज्यों का लगभग एक या दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे हुए है। इन्हें सीमा प्रबंधन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य माना जा सकता है।
सुरक्षा के कदम
Question : सीमा प्रबंधन की विविधा चुनौतियां हैं और उनमें से एक है विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय की उपलब्धि। इस कथन के आलोक में क्या आप भारत की समूची भू-सीमा का एकल सुरक्षा बल द्वारा प्रबंधन की अनुशंसा करेंगे?
Answer : उत्तरः राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीमा प्रबंधन बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमारे भिन्न-भिन्न सीमाओं की भिन्न-भिन्न समस्या है एवं इसे अलग-अलग तरीके से ही सुलझाया जा सकता है। ये समस्या पाकिस्तान के सीमा पार घुसपैठ एवं आंतकी क्रियाकलापों से बहुत ही गंभीर हो गया है। इसके साथ ही देश के अंदर भारत विरोधी विचारधाराओं का विकास एक नई चुनौती पेश कर रहा है।
उपाय
Question : भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए आईएसआईएस से उत्पन्न खतरे को सुरक्षा से संबंधित सम्मिलित कार्रवाईयों के माध्यम से निपटा जा सकता है। पूर्वकथित कथन में ‘सम्मिलित’ शब्द का आलोचनात्मक विश्लेषण करें।
Answer : उत्तरः ISIS एक ऐसा आतंकवादी संगठन है, जिसका उद्देश्य पूरे विश्व में अपना साम्राज्य स्थापित करना है और इसके लिए वे प्रत्येक दिन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लगातार युद्ध कर रहा है। उसको अपने इस लक्ष्य को पूरा करने में भारत एक चुनौती के रूप में है, चाहे वे आदर्श रूप में हो या भूराजनीतिक दृष्टि हो। अतः ISIS भारत के लिए एक नए चुनौती के रूप में उभर रहा है।
इस समस्या से निपटने के उपाय
Question : एनएससीएन (आईएम) समूह के साथ हाल में किए गए संघर्ष विराम संधि को ध्यान में रखते हुए, भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में उग्रवाद के संदर्भ में भारतीय सरकार के दृष्टिकोण पर चर्चा करें। नक्सलवाद संकट के लिए इन शांति समझौतों को अपनाने की व्यवहार्यता पर चर्चा करें।
Answer : उत्तरः भारत सरकार ने चरमपंथी एवं देशद्रोही विचारधाराओं से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, क्योंकि पश्चिमपंथी विचारधारा में शामिल समूह (जैसे- माओवादी, नक्सली, उल्फा इत्यादि) देश के आंतरिक सुरक्षा के लिए बहुत बड़ी चुनौती पैदा कर रहे हैं। इनका संजाल देश के 106 जिलों जो 9 राज्यों के अंतर्गत आते हैं, तक फैला हुआ है।
Question : राजनयिक प्रतिरक्षा क्या है? राजनयिक प्रतिरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय विधिशास्त्र के प्रकाश में, हाल ही में हुए भारत-अमेरिका गतिरोध का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Answer : उत्तरः राजनयिक प्रतिरक्षा वह प्रतिरक्षा होती है जो एक देश के राजनयिक को अन्य देश में अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत प्राप्त होती है जिसमें सुरक्षित निकाय और उस देश के सामान्य कानूनों के तहत कार्रवाई से उन्मुक्ति शामिल हैं। हाल ही में 2013 में भारतीय महिला राजनयिक देवयानी खोब्रागेड के कारण यह विवाद सुर्खियों में रहा।
वियना कन्वेंशन (अंतरराष्ट्रीय राजनयिक सुरक्षा सन्धि)
Question : आईसीसी पश्चिमी विश्व द्वारा नियंत्रित एवं संचालित रणनीतिक भूराजनीति नैतिक पुलिस बल है। हाल के कुछ उदाहरणों द्वारा विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
Answer : उत्तरः आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय) का मुख्य उदेश्य विश्व में न्याय को लागू करना एवं उन लोगों को दंडित करना जो वृहत नरसंहार, मानवता के विरूद्ध अपराध एवं युद्ध अपराध के लिए दोषी हो। ये न्यायालय का सर्वोच्च संस्थान है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्याय व्यवस्था को लागू करना इसका प्रमुख उद्देश्य है, जहां जिस देश की न्याय प्रणाली दंड देने में असमर्थ है, अथवा मौजूद नहीं है।
Question : आण्विक हथियारों का निरस्त्रीकरण के विषय में भारत सरकार के रुख का वर्णन करें। वर्तमान भू-राजनीतिक संघर्ष को देखते हुए वैश्विक निरस्त्रीकरण क्यों आवश्यक है?
Answer : उत्तरः हम ऐसा नहीं सोचते हैं कि आण्विक युद्ध लड़ा जाना चाहिए और हम ऐसा भी नहीं सोचते हैं कि आण्विक युद्ध को जीता जा सकता है। -अटल बिहारी वाजपेयी
Question : साइबर स्पेस वर्तमान समय में युद्ध के नये रूप में उभर रहा है। क्या भारत साइबर स्पेस के क्षेत्र में स्वयं अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकता है? यदि नहीं, तो भारत के साइबर स्पेस की सुरक्षा हेतु उपायों को सुझाएं।
Answer : उत्तरः साइबर स्पेस वर्तमान समय में वृहत सुरक्षा चुनौती के रूप में उभर रहा है। इसका उपयोग सूचना प्रौद्योगिकी के द्वारा होता है तथा इसको नियंत्रित करने के कोई ठोस उपाय मौजूद नहीं है। इसकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ये सुरक्षा बलों के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
Question : मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत का महासागरीय नौसैनिक शक्ति बनने की महात्वकांक्षा संभव है?
Answer : उत्तरः एक बार भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि ‘‘यदि हमें जमीन पर सुरक्षित रहना है तो हमें समुद्र में दक्षता हासिल करनी होगी।’’ भारतीय नौसेना 2007 के ‘‘मैरीटाइम दक्षता योजना’’ के अंतर्गत ‘‘ब्लू वाटर’’ के क्षेत्र में प्रगतिशील है।
Question : ‘21वीं शताब्दी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी में क्रांति की साक्षी है।’ संचार के क्षेत्र में इस तरह की क्रांति ने आंतरिक सुरक्षा के लिए किस प्रकार चुनौतियां प्रस्तुत की हैं?
Answer : उत्तरः वर्तमान समय में बढ़ती हुई प्रतियोगिता एवं तकनीकी वातावरण तथा आर्थिक अस्थिरता राष्ट्र को प्रभावित कर रहे हैं। इस स्थिति में इंटरनेट के बढ़ते हुए आक्रमण से डाटा एवं खुफिया सूचनाओं की रक्षा करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण है।
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