उग्र राष्ट्रवाद तथा स्वतंत्रता आन्दोलन में इसकी भूमिका
ब्रिटिश नीतियों से मोहभंग होने के बाद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा राजनीति के एक नए मार्ग का चयन किया गया जिसे भारतीय इतिहास में उग्र-राष्ट्रवाद के रूप में जाना जाता है। इसका आरंभ 19वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों से हुआ तथा 1905 के बंग-भंग आंदोलन के समय इसने अपने पूर्ण रूप को प्राप्त कर लिया। उग्र राष्ट्रवाद की विचारधारा ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर व्यापक प्रभाव डाला।
उग्र राष्ट्रवाद के उदय के कारण
- दादाभाई नौरोजी जैसे राष्ट्रवादियों द्वारा ब्रिटिश शासन की आर्थिक शोषण की नीति के उजागर करने के पश्चात भारत में ब्रिटिश विरोधी भावना का तीव्र गति से विस्तार ....
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