सकल पर्यावरण उत्पाद : निहितार्थ तथा मुद्दे

जुलाई 2021 में, उत्तराखंड सरकार ने घोषणा की कि वह 'सकल पर्यावरण उत्पाद' (GEP) के रूप में अपने प्राकृतिक संसाधनों का मूल्यांकन शुरू करेगी। इसे सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की तर्ज पर संपादित किया जाएगा। सकल पर्यावरण उत्पाद की संकल्पना का आरंभ वर्ष 1997 में वैश्विक स्तर पर रॉबर्ट कोस्टानज़ा जैसे पारिस्थितिक अर्थशास्त्रियों द्वारा किया गया था। यह पारिस्थितिक स्थिति (Ecological Status) को मापने के की एक मूल्यांकन प्रणाली है। पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा मानव के कल्याण हेतु अनेक प्रकार की सामाजिक और आर्थिक सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इस प्रकार, सकल पर्यावरण उत्पाद को पर्यावरण द्वारा प्राप्त उत्पाद और सेवा ....

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