नाभिकीय ऊर्जा : प्रासंगिकता एवं उत्पादन परिदृश्य

नाभिकीय ऊर्जा : प्रासंगिकता एवं उत्पादन परिदृश्य

आजादी के बाद से भारत की विद्युत उत्पादन क्षमता 100 गुना बढ़ गई है और आज यह दुनिया में विद्युत का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। लेकिन फिर भी ऊर्जा सुरक्षा के मामले में भारत बहुत पीछे है। भारत, विश्व के सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ताओं में से एक है और वर्तमान में काफी हद तक आयातित ईंधन पर निर्भर है।

  • डॉ. होमी जे भाभा ने तीन चरणों वाले परमाणु कार्यक्रम के रोडमैप की कल्पना की थी। इस परमाणु कार्यक्रम की परिकल्पना देश के थोरियम-232 के विशाल भंडार का उपयोग करने के उद्देश्य के ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री