पूर्वोत्तर भारत के पर्व, भोजन एवं संगीत

  • पूर्वोत्तर क्षेत्र को 200 से अधिक जनजातीय और गैर-जनजातीय समुदायों का निवास स्थान होने के कारण 'मानव विज्ञानियों के स्वर्ग' के रूप में संदर्भित किया जाता है।
  • असम का 'रोंगाली बिहू', मिज़ो समुदाय का चपचार कुट त्यौहार तथा मेघालय के जीरोज का वांगला या सौ ड्रम उत्सव पूर्वोत्तर क्षेत्र की सांस्कृतिक विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाले प्रमुख त्यौहार हैं।
  • अरुणाचल प्रदेश के तवांग में फरवरी माह में मोनपा जनजाति का नववर्ष त्यौहार 'लोसर' मनाया जाता है। 'अजी ल्हामू' मोनपा जनजाति का प्रसिद्ध मुखौटा नृत्य है।
  • अगस्त-सितंबर में मिजोरम में 'मिम कुट' (मक्का उत्सव) त्यौहार तथा दिसंबर महीने में पावल कुट (फसल ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

पत्रिका सार