आईपीसी की धारा 498ए की आलोचना

  • सर्वोच्च न्यायालय ने 'व्यक्तिगत प्रतिशोध' के लिए पतियों और उनके परिजनों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498ए के 'बढ़ते दुरुपयोग' की आलोचना की है।
  • आईपीसी की धारा 498ए को भारतीय न्याय संहिता (BNS) [धारा 85] द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।
  • यह धारा किसी महिला के साथ उसके पति अथवा पति के रिश्तेदार द्वारा क्रूरता किए जाने से संबंधित है।
  • इसके तहत दोषी पाए जाने की स्थिति में 3 वर्ष तक के कारावास तथा जुर्माने का प्रावधान किया गया ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
नि: शुल्क

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

करेंट अफेयर्स न्यूज़