आत्मनिर्भर गांव में कृषि की भूमिका
- सहकारिता पारस्परिक सहयोग के माध्यम से सामूहिक और व्यक्तिगत लाभ की भावना पर आधारित है।
- सहकारिता ग्रामीण भारत को उद्यमोन्मुखी बनाकर न केवल समग्र विकास कर सकती है, बल्कि शहरों पर आबादी के अनावश्यक दबाव को कम कर शहरी आवश्यकताओं की पूर्ति में भी सक्षम है।
- ‘वोकल फॉर लोकल’ स्थानीय उत्पादों और व्यवसायों को बढ़ावा देकर उनकी विशिष्टता को देश-विदेश तक पहुंचाने का अभियान है। इसका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना है।
- भारत सरकार ने जमीनी स्तर पर सहकारिता को मजबूत करने के लिए अगले 3 वर्षों में 63 हजार प्राथमिक साख सहकारी समितियों ....
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पत्रिका सार
- 1 अंतरिक्ष में भारत की ऊंची उड़ान
- 2 भारत, एक उभरती हुई शक्ति
- 3 खेल कौशलः ऐतिहासिक जीत का वर्ष
- 4 आवागमन का पुनर्निर्धारणः भारत में परिवहन परिदृश्य में बदलाव
- 5 भारत का उद्योग क्षेत्र
- 6 कृषि और ग्रामीण विकासः प्रमुख पहल और उपलब्धिायां
- 7 आत्मनिर्भर होते गांवः पंचायती राज मंत्रालय की भूमिका
- 8 आकांक्षी जिला और ब्लॉक कार्यक्रम
- 9 किसानों का तकनीकी सशक्तीकरण
- 10 उद्योगों से मजबूत होती आत्मनिर्भर गांव की संकल्पना
- 11 ‘लखपति दीदी’ एक अनूठी पहल
- 12 डिजिटल रूप से सशक्त गांव की ओर
- 13 गांवों में आर्थिक विकास को बढ़ावा
- 14 पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हथकरघा और हस्तशिल्प कारीगर
- 15 पेट्रीफाइड लकड़ी
- 16 प्रिंस रूबर्ट ड्रॉप्स
- 17 क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण तथा रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार
- 18 भौतिकी में 2023 का नोबेल पुरस्कार
- 19 COVID mRNA वैक्सीन के अग्रदूतों को चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार
- 20 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2022