अंतरिक्ष में भारत की ऊंची उड़ान

  • आदित्य एल-1 और चंद्रयान-3 जैसे वर्ष 2023 में संपन्न किए गए महत्वपूर्ण मिशन इसरो द्वारा पहले से ही विकसित ‘यूनिवर्सल नेविगेशन गाइडेंस’ और ‘कंट्रोल प्रणालियों’ की आधुनिकतम टेक्नोलॉजी की क्षमता के कारण ही सफल हुए हैं।
  • वर्तमान समय में इसरो विश्व की उन पांच प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों में शामिल हो गया है, जिनके पास पृथ्वी के अध्ययन, संचार, नेविगेशन और गृह संबंधी खोजों की पूर्ण क्षमता है।
  • अपनी अनूठी अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली के आधार पर इसरो चार सक्रिय प्रक्षेपण यानों की सहायता से पृथ्वी की निचली, मध्य तथा उच्च कक्षा में 500 किलोग्राम से 8000 किलोग्राम तक के पेलोड अंतरिक्ष ....
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