​कुपोषण से निपटने में पारंपरिक और स्वदेशी ज्ञान की भूमिका

  • ग्रामीण भारत में कुपोषण का मतलब क्या है?- खाद्य असुरक्षा, सीमित स्वास्थ्य सेवा और अपर्याप्त पोषण
  • स्थानीय खाद्य पदार्थ जैसे बाजरा, दालें, सब्जियाँ, और जड़ी-बूटियाँ किस प्रकार से लाभ प्रदान करती हैं?– मैक्रोन्यूट्रिएंट और माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी को दूर करने में सहायक हैं
  • रागी और ज्वार जैसे अनाज का महत्व क्या है?– कुपोषण से निपटने में सहायक
  • पारंपरिक कृषि पद्धतियां कैसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं?- मिट्टी की उर्वरता बनाए रखकर
  • देशी फसलों जैसे बाजरा और दालों की विशेषता क्या है?- ये सूखा प्रतिरोधी और कठिन परिस्थितियों में पनपने योग्य हैं
  • स्वास्थ्य लाभ के लिए आंध्र प्रदेश में इमली का ....
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