भवन-निर्माण और मलबे का निपटारा: चक्रीय अर्थव्यवस्था के माध्यम से समाधान
- रेखीय और चक्रीय अर्थव्यवस्था में अंतर क्या है? – रेखीय अर्थव्यवस्था 'टेक-मेक-वेस्ट' मॉडल पर, जबकि चक्रीय अर्थव्यवस्था 'क्लोज्ड-लूप प्रणाली' पर आधारित है, जो पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण पर जोर देती है
- भारत में निर्माण क्षेत्र का आर्थिक योगदान कितना है? – सकल घरेलू उत्पाद में 8% से अधिक, वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा
- भारत में निर्माण क्षेत्र से कितना अपशिष्ट उत्पन्न होता है? – 12 मिलियन टन कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन (C&D) अपशिष्ट प्रति वर्ष, जो कुल ठोस अपशिष्ट का 20-25% है
- 3 आर सिद्धांत क्या है? – अपशिष्ट को कम करना, पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण को प्राथमिकता देना
- चक्रीयता में किस तकनीक का ....
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पत्रिका सार
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- 2 स्वच्छता को संस्थागत बनाने के लिए विशेष अभियान 4.0
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- 7 स्मार्ट ग्रिड और नवीकरणीय ऊर्जाः ग्रामीण स्वच्छता को सशक्त बनाना
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- 12 भारत की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए भावी सुधार
- 13 अपशिष्ट प्रबंधन सुधारों के माध्यम से स्वास्थ्य प्रभावों का आकलन
- 14 शहरों में शून्य-अपशिष्ट रणनीतियां
- 15 गर्भावस्था पूर्व देखभाल
- 16 डिजिटल तकनीक के साथ स्वास्थ्य-टेक स्टार्टअप क्रांति
- 17 स्वास्थ्य और पोषण में सामाजिक उद्यमिता
- 18 भारत को सशक्त बनाती कुछ नवीन वैज्ञानिक पहलें
- 19 भारत में ईवी क्रांति
- 20 डेंगू का बढ़ता प्रसार और संभावित उपचार
- 21 नई तकनीकों से बदलेगी कैंसर के इलाज की तस्वीर
- 22 जंतु द्वारा मीथेन उत्सर्जन का जलवायु परिवर्तन से संबंध
- 23 पठाणि सामंत : भारत के गुमनाम मगर उत्कृष्ट खगोल वैज्ञानिक
- 24 स्वास्थ्य सेवा सुधार में उपयोगी कृत्रिम बुद्धिमत्ता
- 25 बांधों की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण
- 26 स्वस्तिक : भारतीय पारंपरिक ज्ञान को समाज से जोड़ने की एक राष्ट्रीय पहल