वित्तीय समावेशन सूचकांक
- भारतीय रिजर्व बैंक ने 17 अगस्त, 2021 को वित्तीय समावेशन सूचकांक (Financial Inclusion Index) की शुरुआत की। सूचकांक का उद्देश्य लोगों की बैंकिंग तथा वित्तीय सेवाओं (Banking and Finacial Services) तथा विभिन्न वित्तीय उत्पादों (Financial Products) तक पहुँच तथा उन सेवाओं की गुणवत्ता का पता लगाना है।
वित्तीय समावेशन
- वित्तीय समावेशन (Finacial Inclusion) देश में औपचारिक बैंकिंग सेवाओं और उत्पादों की पहुंच बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों तक पहुंचाने की प्रक्रिया है।
- वित्तीय समावेशन केवल बैंक खाता खोलने तक सीमित नहीं है। बल्कि औपचारिक वित्तीय संस्थानों (Formal Financial Institutions) द्वारा उचित और पारदर्शी तरीके से उचित वित्तीय उत्पादों और सेवाओं ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 शिक्षा मंत्रालय की स्टार्स कार्यशाला
- 2 बच्चों एवं युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर मार्गदर्शन दस्तावेज
- 3 मातृ स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन में भारत की प्रगति को मान्यता
- 4 बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु दिशानिर्देश
- 5 राष्ट्रीय पोषण माह का 7वां संस्करण
- 6 दिव्यांगों के लिए एक्सेसिबिलिटी स्टैंडर्ड्स मॉड्यूल लागू
- 7 LGBTQI+ समुदाय के लिए विभिन्न अंतरिम सरकारी उपाय
- 8 सहरिया जनजाति में कुपोषण
- 9 न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम के तहत 'साक्षरता' और 'पूर्ण साक्षरता'
- 10 भारत में महिलाएं एवं पुरुष 2023