हम भावी पीढि़यों को एक स्वस्थ और टिकाऊ ग्रह के अधिकार से वंचित नहीं कर सकते

मोनिका मिश्रा

महात्मा गांधी ने कहा था कि “पृथ्वी, वायु, भूमि तथा जल हमारे पूर्वजों से प्राप्त सम्पत्तियां नहीं हैं। वे हमारे बच्चों की धरोहरें हैं। वे जैसी हमें मिली हैं वैसी ही उन्हें भावी पीढि़यों को सौंपना होगा।” धारणीय विकास की यह संकल्पना कोई नवीन संकल्पना नहीं है बल्कि पर्यावरणीय जागरूकता के विचारों से प्रेरित इस संकल्पना का विकास सतत रूप से हुआ है। विकास की इस संकल्पना के अंतर्गत संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के साथ भावी पीढि़यों के लिए संसाधनों के संरक्षण को महत्व प्रदान किया जाता है। संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता एवं महत्व को ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री