आधुनिक भारत के व्यक्तित्व तथा विचारधाराओं का तुलनात्मक अध्ययन
विभिन्न विषयों को गहराई से समझने में ‘अंतर्विषयक दृष्टिकोण’(Interdisciplinary Approach) के साथ-साथ ‘तुलनात्मक अध्ययन’(Comparative Study) भी अति आवश्यक है। सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा में दोनों ही दृष्टिकोणों से प्रश्न पूछे जाते हैं। नीचे दी गई विशेष अध्ययन सामग्री में आधुनिक भारत के विकास में शामिल महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों तथा विचारधाराओं के बीच तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है।
आधुनिक भारत के उदय को 2 चरणों में समझा जा सकता है- सामाजिक-धार्मिक सुधारों का चरण, जिसकी शुरुआत 19वीं शताब्दी के दूसरे दशक से हुई तथा दूसरा चरण, जिसका प्रारंभ 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से हुआ जब उपनिवेशवाद की प्रकृति को समझने के साथ राजनीतिक ....
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