उत्तराखंड पी.सी.एस. विशेष इतिहास एवं संस्कृति -(उत्तराखंड का इतिहास)
प्राचीन काल
पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि प्रारंभिक ऐतिहासिक संस्कृतियां (जैसे- धूसर मृदभांड संस्कृति) केवल हिमालय घाटी के पूर्वी और दक्षिणी किनारे तक ही पहुंच सकी थीं।
- चूंकि उत्तराखंड भौगोलिक रूप से दुर्गम क्षेत्र है, अतः यहां प्राचीन काल में स्थायी राज्य विकास के प्रमाण नहीं मिलते हैं, किन्तु देहरादून के कालसी में अशोक के शिलालेख की उपस्थिति से स्पष्ट होता है कि ईसा पूर्व तीसरी सदी में इस क्षेत्र का भारत की राजनैतिक और सांस्कृतिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान था।
अशोक का शिलालेख (कालसी)
|
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 समसामयिक प्रश्न
- 2 यूपीएसएसएससी पीईटी परीक्षा 2022
- 3 संज्ञानात्मक विकास संबंधी प्रमुख संकल्पना
- 4 भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं
- 5 प्रमुख समिति आयोग और उनकी सिफारिशें
- 6 समसामयिक प्रश्न
- 7 बिहार बी.एड. कॉमन एन्ट्रेन्स टेस्ट
- 8 भारत के 75 रामसर स्थलों की सूची
- 9 स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में 75 रामसर स्थल
- 10 समसामयिक प्रश्न
विशेष
- 1 विशेषज्ञ सलाह
- 2 सामान्य अध्ययन-IV सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (केस स्टडी-1)
- 3 सामान्य अध्ययन-IV सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (केस स्टडी-2)
- 4 सामान्य अध्ययन मुख्य परीक्षा मॉडल प्रश्न
- 5 आधुनिक भारत के व्यक्तित्व तथा विचारधाराओं का तुलनात्मक अध्ययन
- 6 सामाजिक-पर्यावरणीय चुनौतियों का प्रकृति आधारित समाधान
- 7 स्वतंत्रता संघर्ष में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान
- 8 ग्रामीण विकास में कृषि सुधार का योगदान
- 9 67वीं बीपीएससी प्रा./सीडीपीओ परीक्षा विशेष - बिहार के प्रमुख व्यक्तित्व
- 10 उत्तराखंड पी.सी.एस. विशेष इतिहास एवं संस्कृति -(उत्तराखंड : सांस्कृतिक परिदृश्य)
- 11 यूपीपीसीएस मुख्य परीक्षा विशेष सामान्य हिन्दी
- 12 भारत को संसाधन दक्षता नीति की आवश्यकता क्यों है?