निवारक निरोध एवं बंदी प्रत्यक्षीकरण

  • 7 फरवरी, 2020 को जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय ने बंदी प्रत्यक्षीकरण की एक याचिका को खारिज कर दिया; इस याचिका में वरिष्ठ अधिवत्तफ़ा मियां अब्दुल कयूम के ‘निवारक निरोध’ (Preventive Detention)को चुनौती दी गई थी।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2020 को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को समाप्त कर दिया था। उसी वक्त से मियां अब्दुल कयूम नजरबंद है।
  • न्यायमूर्ति ताशी राबस्तान (Justice Tashi Rabstan)द्वारा दिये गये इस निर्णय में उन्होंने कहा कि कयूम को हिरासत में लेने की आवश्यकता के संबंध में अधिकारियों की व्यक्तिपरक संतुष्टि दर्शाने ....
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