एससी/एसटी कानून की संवैधानिक वैधता बरकरार

  • 10 फरवरी, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने ‘अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम 2018’ [SCs & STs (Prevention of Atrocities) Amendment Act 2018] को मंजूरी देते हुए इसकी संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।
  • इस प्रकार शीर्ष न्यायालय ने 20 मार्च, 2018 के अपने ही निर्णय को निरस्त कर दिया, जिसके तहत एससी/एसटी संरक्षण कानून के सख्त प्रावधानों में ढील दे दी गई थी। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस रवींद्र भट्ट की पीठ ने 2-1 से यह फैसला सुनाया।

मुख्य बिंदु

  • केंद्र के संशोधित कानून के िखलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री