निधन
गेल ओमवेट
प्रख्यात शोधकर्ता, लेखिका और बहुजन आंदोलन की बौद्धिक आवाजों में से एक गेल ओमवेट (Gail Omvedt) का 25 अगस्त, 2021 को निधन हो गया। वे 81 वर्ष की थीं।
- डॉ. ओमवेट एक अमेरिकी मूल की भारतीय विद्वान थी, जिन्होंने दलित राजनीति, महिला संघर्ष और जाति-विरोधी आंदोलन पर कई पुस्तकें लिखीं।
- उन्होंने विभिन्न जन आंदोलनों में भी भाग लिया, जिसमें कोयना बांध के कारण विस्थापित लोगों के अधिकारों के लिए एक आंदोलन भी शामिल था।
- उन्होंने अपने पति और कार्यकर्ता (Activist) भरत पाटनकर के साथ ‘श्रमिक मुक्ति दल’ की सह-स्थापना की।
- गेल ओमवेट ने न केवल सामाजिक आंदोलनों, संतों के साहित्य, परंपराओं में एक शोधकर्ता के रूप में योगदान दिया, बल्कि महिलाओं, वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आंदोलनों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया।
- ओमवेट ने ‘इन कोलोनियल सोसाइटी- नॉन-ब्राह्मण मूवमेंट इन वेस्टर्न इंडिया’, ‘सीकिंग बेगमपुरा’ (Seeking Begampura), ‘बुद्धिज्म इन इंडिया’, ‘डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर’, ‘महात्मा फुले’, ‘दलित एंड द डेमोक्रेटिक रेवोल्यूशन’, ‘अंडरस्टैंडिंग कास्ट’, ‘वी विल स्मैश द प्रिजन’ और ‘न्यू सोशल मूवमेंट इन इंडिया’ सहित 25 से अधिक पुस्तकें लिखीं।
- वे पुणे विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में फुले-आंबेडकर पीठ की प्रमुख एवं एशियाई अध्ययन संस्थान, कोपेनहेगन में प्रोफेसर थीं।
कल्याण सिंह
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का 21 अगस्त, 2021 को निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
- उनका जन्म 5 जनवरी, 1932 को अलीगढ़ में अतरौली तहसील के तहत मधौली गाँव में हुआ था।
- वे पहली बार 24 जून, 1991 से 6 दिसंबर, 1992 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
- दूसरी बार वे 21 दिसंबर, 1997 से 11 नवंबर, 1999 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
- वे 4 सितंबर, 2014 से 9 सितंबर, 2019 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे। साथ ही वे जनवरी 2015 से अगस्त 2015 तक हिमाचल प्रदेश के कार्यवाहक (अतिरिक्त प्रभार) राज्यपाल भी रहे।
- वे 2004 से 2009 तक भाजपा से बुलंदशहर संसदीय क्षेत्र और 2009 से 2014 तक बतौर स्वतंत्र उम्मीदवार एटा (उ.प्र.) संसदीय क्षेत्र से लोक सभा सदस्य रहे।
- 2010 में, उन्होंने जन क्रांति पार्टी भी बनाई, बाद में 2013 में इसका भाजपा में विलय कर दिया गया था।
ओ.एम. नांबियार
भारत की महान धाविका पीटी उषा के कोच (प्रशिक्षक) ओ.एम. नांबियार का 19 अगस्त, 2021 को कोझीकोड के पय्योली में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
- भारत के सबसे प्रसिद्ध प्रशिक्षकों में से एक, नांबियार ने 1976 में बहुत कम उम्र में उषा को कन्नूर स्पोर्ट्स डिवीजन में कोचिंग देना शुरू कर दिया था।
- उनके मार्गदर्शन में, उषा का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ में था,
- जहां वे एक सेकंड के सौवें हिस्से से कांस्य पदक से चूक गई थी।
- पीटी उषा के अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले जिन एथलीटों को तैयार किया, उनमें शाइनी विल्सन (चार बार की ओलंपियन और 800 मीटर में 1985 की एशियाई चैम्पियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता) और वंदना राव प्रमुख हैं।
- नांबियार को 1985 में द्रोणाचार्य पुरस्कार और 2021 में पप्र श्री से सम्मानित किया गया था।
माकी काजी
सुडोकू पहेली के गॉडफादर ‘माकी काजी’ (Mkai Kaji) का 10 अगस्त, 2021 को पित्त नली के कैंसर के कारण निधन हो गया। वे 69 वर्ष के थे।
- काजी ने नंबर पहेली सुडोकू को 1980 के दशक में अपनी पत्रिका ‘निकोली’ में प्रकाशित किया था।
- जापानी भाषा में ‘सुडोकू’ का अर्थ होता है हर संख्या एकल (single) होनी चाहिए। इसमें खिलाड़ी पंक्ति, स्तंभों एवं ब्लॉक में बिना दोहराये एक से नौ तक के अंक भरते हैं।
- यह खेल जापान में लोकप्रिय हुआ था, लेकिन 2004 में ‘द टाइम्स ऑफ लंदन’ द्वारा एक पहेली प्रकाशित करने के बाद ही यह वैश्विक रूप से सुखिर्यों में आया। तब से यह पहेली खेल दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया।
डॉ. बालाजी तांबे
आयुर्वेद चिकित्सक और योग के समर्थक डॉ. बालाजी तांबे का 10 अगस्त, 2021 को पुणे के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे।
- लोनावाला के पास एक समग्र चिकित्सा केंद्र ‘आत्मसंतुलन गांव’ (Atmsaantulana Village) के संस्थापक, तांबे ने आध्यात्मिकता, योग और आयुर्वेद पर विभिन्न पुस्तकों का लेखन किया था।
अनुपम श्याम
दिग्गज अभिनेता अनुपम श्याम का 9 अगस्त, 2021 को निधन हो गया। वे 63 वर्ष के थे।
- वे मशहूर टीवी धारावाहिक ‘मन की आवाजः प्रतिज्ञा’ में ठाकुर सज्जन सिंह के किरदार से लोकप्रिय हुए थे।
- अपने लगभग तीन दशक के लंबे करियर में, श्याम ने ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’, ‘बैंडिट क्वीन’, ‘सत्या’, ‘दिल से’, ‘लगान’ और ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया था।
गोपाल राव
1971 के पाकिस्तान युद्ध के नायक और महावीर चक्र और विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त करने वाले कोमोडोर गोपाल राव का 9 अगस्त, 2021 को निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे।
- उन्हें अप्रैल 1950 में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था। तोपखाने के विशेषज्ञ, गोपाल राव पूर्वी नौसेना कमान में आईएनएस किल्टन के कमांडिंग ऑफिसर थे।
- उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की कमान संभाली थी।
पप्रा सचदेव
प्रख्यात लेखिका और डोगरी भाषा की पहली आधुनिक महिला कवयित्री पप्र श्री से सम्मानित पप्रा सचदेव का 4 जुलाई, 2021 को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष की थीं।
- उन्होंने डोगरी और हिंदी में कई पुस्तकों का लेखन किया था। उन्हें उनके कविता संग्रह ‘मेरी कविता, मेरे गीत’ के लिये 1971 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें 2001 में पप्र श्री से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें 2007-08 में कविता के लिए ‘कबीर सम्मान’ से भी सम्मानित किया था।
- सचदेव ने 1973 की हिंदी फिल्म प्रेम पर्वत के गीत ‘मेरा छोटा सा घर बार’ गीत भी लिखा था। उन्होंने 1978 की हिंदी फिल्म ‘आंखिन देखी’ के लिए दो गीतों के बोल भी लिखे, जिसमें मोहम्मद रफी और सुलक्षणा पंडित द्वारा गया गया प्रसिद्ध गीत ‘सोना रे, तुझे कैसे मिलूं’ शामिल है।
राशिद ईरानी
प्रख्यात फिल्म समीक्षक राशिद ईरानी, 2 अगस्त, 2021 को मुंबई में अपने आवास पर मृत पाये गए। वे 74 वर्ष के थे।
- ईरानी, ने टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स और वेबसाइट स्क्रॉल डॉट इन जैसे राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रें में कई लेखों द्वारा योगदान दिया था।
- वे मुंबई प्रेस क्लब फिल्म सोसाइटी के प्रमुख स्तंभों में से एक थे।
थॉमस जोसेफ
उपन्यासकार और लघु कथाकार थॉमस जोसेफ का 29 जुलाई 2021 को अलुवा, केरल में निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे।
- वे मलयालम साहित्य के एक भारतीय लेखक थे। जोसेफ ने अपने काम ‘मारीचवार सिनेमा कानूकायनु’ (Marichavar Cinema Kanukayanu) के लिए 2013 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता।
- उन्होंने एसबीटी साहित्य पुरस्कार के साथ-साथ केए कोडुंगलूर मेमोरियल पुरस्कार (KA Kodungalloor Memorial Prçe) भी जीता था।