एम- नागराज बनाम भारत संघ वाद (2006)

मामलाः अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण को पदोन्नति तक विस्तातिरत करना।

निर्णयः उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों वाली एक संविधान पीठ द्वारा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण को पदोन्नति तक विस्तातिरत करने के संसद के निर्णय को निम्नलिखित तीन शर्तों के साथ वैध घोषित किया-

  1. राज्य को आरक्षण से लाभ प्राप्त करने वाले वर्ग के पिछड़ेपन का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
  2. राज्य को सार्वजनिक रोजगार से उस वर्ग के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता दर्शाते हुए मात्रत्मक डेटा एकत्र करना होगा।
  3. राज्य को यह बताना होगा कि पदोन्नति में आरक्षण कैसे प्रशासनिक दक्षता को और अधिक विस्तारित करेगा।