सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंधा

जून, 2022 को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रलय (MoHUA) ने विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) पर ‘स्वच्छ एवं हरित’ अभियान (Clean and Green campaign) शुरू किया।

  • इस अभियान में सफाई और कचरा उठाना (Cleaning and Plogging Drives), प्लास्टिक कचरा संग्रहण अभियान (Plastic Waste Collection Drives) और वृक्षारोपण अभियान (Tree-Plantation Drives) शामिल हैं।
  • इस संदर्भ में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCP) ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी करते हुए 1 जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है।
  • लगभग 94% प्लास्टिक पुनर्चक्रण (Recycle) करने योग्य होते हैं। भारत लगभग 60% प्लास्टिक का पुनर्चक्रण करता है; शेष लैंडफिल स्थलों (Landfill Sites), समुद्री क्षेत्रों तथा अपशिष्ट से ऊर्जा निर्मित करने वाले संयंत्रों में जाता है।

अपशिष्ट के प्रमुख वर्गीकरण

  • ठोस अपशिष्टः सब्जियों का कचरा, रसोई का कचरा, घरेलू कचरा आदि।
  • ई-वेस्ट (E-Waste): परित्यक्त कंप्यूटर, टीवी, म्यूजिक सिस्टम जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को उत्पन्न अपशिष्ट।
  • तरल अपशिष्टः विभिन्न उद्योगों, चर्मशोधन कारखानों, भट्टियों, ताप विद्युत संयंत्रों आदि में प्रयोग किया गया जल।
  • प्लास्टिक अपशिष्टः प्लास्टिक बैग, बोतलें, बाल्टी आदि।
  • धातु अपशिष्टः अप्रयुक्त धातु शीट, धातु स्क्रैप आदि।
  • परमाणु अपशिष्टः परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से उत्पन्न अनुपयुक्त सामग्री।