दुनिया भर में ई-अपशिष्ट की बढ़ोत्तरी

जनवरी, 2019 में स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक के दौरान प्लैटफॉर्म फॉर एक्सीलेरेटिंग द सर्कुलर इकोनॉमी (Platform for Accelerating the Circular Economy - PACE) और यूएन ई-वेस्ट कोएलिशन (UNE - Waste Coalition) द्वारा जारी रिपोर्ट ‘ए न्यू सर्कुलर विजन फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स (A New Circular Vision for Electronics) के अनुसार वर्ष 2050 तक 12 करोड़ टन सालाना ई-अपशिष्ट उत्पादन होने का अनुमान है।

विशेषताएं:

दुनिया भर में हर साल 5 करोड़ टन इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल अपशिष्ट (ई-अपशिष्ट) का उत्पादन होता है, जिसका वजन अब तक बने सभी वाणिज्यिक विमानों के वजन से ज्यादा है। इसके केवल 20% को ही औपचारिक रूप से पुनर्चक्रित किया जाता है। 80% या तो लैंडफिल में समाप्त होता है या अनौपचारिक रूप से पुनर्चक्रित किया जाता है।

  • सालाना उत्पादित ई-अपशिष्ट की कीमत 62.5 बिलियन डॉलर से अधिक है, जो कि अधिकांश देशों के सकल घरेलू उत्पाद से अधिक है। एक टन सोने के अयस्क की तुलना में ई-अपशिष्ट के एक टन में 100 गुना अधिक सोना होता है।
  • 2040 तक इलेक्ट्रॉनिक्स, जिसमें पीसी (PCs), लैपटॉप, मॉनिटर, स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे डिवाइस शामिल हैं, के उत्पादन और उपयोग से कार्बन उत्सर्जन कुल उत्सर्जन का 14% तक पहुंच जाएगा।
  • संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने विश्व आर्थिक मंच, वैश्विक पर्यावरण सुविधा और वर्ल्ड बिजनेस काउंसिल फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (World Business Council for Sustainable Development-WBCSD) के साथ मिलकर मौजूदा इलेक्ट्रानिक्स प्रणाली में सुधार की बात कही है।