इस अधिनियम ने अदालतों के एडमिरैलिटी क्षेत्रधिकारों, समुद्रतटीय दावों पर अदालती कार्रवाही, जहाजों की जब्ती और अन्य संबंधित मुद्दों से जुड़े मौजूदा कानूनों को सुदृढ़ किया है। अभी तक भारतीय न्यायालयों के एडमिरैलिटी (नौ-अधिकरण) क्षेत्रधिकार का वैधानिक ढांचा ब्रिटिश काल में बनाए गए पांच कानूनों के अंतर्गत था। यह वैधानिक ढांचा कुशल शासन में बाधा उत्पन्न करता था।