‘क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला’

भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश के मउ में ‘क्वांटम कंप्यूटिंग’ प्रयोगशाला और ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ हेतु एक केंद्र स्थापित किया है।

प्रमुख बिंदुः इस ‘क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला’ की स्थापना विभिन्न प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों में अनुसंधान एवं प्रशिक्षण का नेतृत्व करने हेतु ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय’ (NSCS) की मदद से की गई है।

  • ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ एक त्रिस्तरीय संगठन है जो सामरिक चिंता के राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा मुद्दों का प्रबंधन करता है।
  • भारतीय सेना ने इसी संस्थान में एक ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ (AI) केंद्र भी स्थापित किया है, जिसमें विभिन्न अग्रणी क्षेत्रों में 140 से अधिक उद्योगविदों और शिक्षाविदों का सक्रिय समर्थन शामिल है।
  • भारतीय सेना द्वारा अत्याधुनिक साइबर रेंज और साइबर सुरक्षा प्रयोगशालाओं के माध्यम से साइबर युद्ध पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

उद्देश्यः दोनों केंद्र सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग के लिये परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों के विकास में व्यापक शोध करेंगे।

  • साथ ही ये केंद्र क्वांटम प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धि जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान करेंगे।
  • ये केंद्र संचार के क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित करने में मदद करेंगे और क्रिप्टोग्राफी की वर्तमान प्रणाली को पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी में बदलने में भी मददगार साबित होंगे।
  • क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन, क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम संचार, क्वांटम प्रौद्योगिकी के प्रमुख क्षेत्र हैं।

क्वांटम प्रौद्योगिकी/कंप्यूटिंग

क्वांटम प्रौद्योगिकी, क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित है जिसे 20वीं शताब्दी की शुरुआत में परमाणुओं और प्राथमिक कणों की प्रकृति का वर्णन करने के लिये विकसित किया गया था।

  • क्वांटम सुपरपोजिशन इनक्रिपटेड कोड या सुपर-स्पीड सूचना प्रसंस्करण का एक सेट है जो समानांतर में काम करने वाले कई क्लासिकल कंप्यूटरों की नकल कर सकता है।
  • क्वांटम कंप्यूटर क्यूबिट्स में गणना करते हैं। वे क्वांटम यांत्रिकी के गुणों का फायदा उठाते हैं और यह नियंत्रित करता है कि परमाणु पैमाने पर पदार्थ कैसे व्यवहार करता है।