पेसा अधिनियम की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

नवंबर 2021 में, आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में पेसा अधिनियम की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।

पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम या पेसा (PESA) अधिनियम, 1996

संविधान के अनुच्छेद 243ड के तहत संविधान के भाग IX में निहित पांचवीं के क्षेत्रों को छूट प्रदान की गई है। हालांकि संसद को विधि द्वारा अनुसूचित तथा जनजातीय क्षेत्रों में इसके प्रावधानों का विस्तार करने का अधिकार है, जिसे संविधान में संशोधन नहीं माना जाएगा।

  • पेसा अधिनियम को दिलीप सिंह भूरिया समिति की सिफारिशों के आधार पर वर्ष 1996 में जनजातीय समुदायों के सशक्तीकरण और उन्हें मुख्यधारा में लाने हेतु अधिनियमित किया गया था।
  • पेसा अधिनियम को ‘संविधान के भीतर संविधान’ कहा जाता है क्योंकि यह संविधान के पंचायती राज (भाग IX) के प्रावधान को कुछ संशोधनों और अपवादों के साथ अनुच्छेद 244 के खंड (1) के अंतर्गत 10 राज्यों (आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान और तेलंगाना) के पांचवीं अनुसूची में आने वाले क्षेत्रों तक विस्तारित करता है।
  • यह इन क्षेत्रों में ग्राम सभा और समुदाय की भूमिका को मान्यता प्रदान करता है। साथ ही यह राज्य सरकार को प्रत्यक्ष रूप से ग्राम सभा और पंचायतों को शक्ति और अधिकार हस्तांतरित करने का निर्देश देता है। पंचायती राज मंत्रालय पेसा अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन हेतु नोडल मंत्रालय है।