राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी)

यह पाइपलाइन नीति आयोग द्वारा अवसंरचना से संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से विकसित की गई है, जो केंद्रीय बजट 2021-22 के तहत ‘परिसंपत्ति मुद्रीकरण’ से जुड़े अधिदेश पर आधारित है।

  • एनएमपी के तहत वित्तीय वर्ष 2022 से लेकर वित्तीय वर्ष 2025 तक की चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य परिसंपत्तियों के जरिए 6-0 लाख करोड़ रुपये की कुल मुद्रीकरण क्षमता का अनुमान लगाया गया है।

उद्देश्यः मुद्रीकरण के माध्यम से सृजन के दर्शन पर आधारित परिसंपत्ति मुद्रीकरण का उद्देश्य नई बुनियादी ढांचागत सुविधाओं या अवसंरचना के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र के निवेश का उपयोग करना है।

  • सार्वजनिक परिसंपत्ति के मालिकों के लिए इस कार्यक्रम के सन्दर्भ में एक मध्यम-अवधि रोडमैप प्रदान करना है।
  • इस कार्यक्रम का रणनीतिक उद्देश्य संस्थागत और दीर्घकालिक पूंजी का उपयोग करके सार्वजनिक क्षेत्र की मौजूदा (ब्राउनफील्ड) परिसंपत्तियों में निहित निवेश के मूल्य को हासिल करना है, जिसे आगे सार्वजनिक निवेश के लिए इस्तेमाल किया जा सके।

महत्वः परिसंपत्ति मुद्रीकरण को सिर्फ एक वित्तपोषण से जुड़ी प्रक्रिया के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उसे निजी क्षेत्र की संसाधन क्षमता और उभरती वैश्विक एवं आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप खुद को गतिशील रूप से अनुकूलित करने की उनकी क्षमता को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचे के संचालन, उन्नयन और रख-रखाव में समग्र बदलाव के रूप में देखा जाना चाहिए।

  • इस पहल का मुख्य उद्देश्य ‘मुद्रीकरण के माध्यम से अवसंरचना निर्माण’ को संभव बनाना है, जिसमें क्षमता के लिहाज से अपने-अपने क्षेत्रों के उत्कृष्ट सार्वजनिक और निजी क्षेत्र सहयोग करें, जिससे सामाजिक-आर्थिक विकास को संभव बनाया जा सके और देश के नागरिकों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो।