यह पाइपलाइन नीति आयोग द्वारा अवसंरचना से संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से विकसित की गई है, जो केंद्रीय बजट 2021-22 के तहत ‘परिसंपत्ति मुद्रीकरण’ से जुड़े अधिदेश पर आधारित है।
उद्देश्यः मुद्रीकरण के माध्यम से सृजन के दर्शन पर आधारित परिसंपत्ति मुद्रीकरण का उद्देश्य नई बुनियादी ढांचागत सुविधाओं या अवसंरचना के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र के निवेश का उपयोग करना है।
महत्वः परिसंपत्ति मुद्रीकरण को सिर्फ एक वित्तपोषण से जुड़ी प्रक्रिया के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उसे निजी क्षेत्र की संसाधन क्षमता और उभरती वैश्विक एवं आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप खुद को गतिशील रूप से अनुकूलित करने की उनकी क्षमता को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचे के संचालन, उन्नयन और रख-रखाव में समग्र बदलाव के रूप में देखा जाना चाहिए।