राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी)

संविधान में अनुच्छेद 338ख को शामिल करके 15 अगस्त, 2018 को एक नया संवैधानिक निकाय नामतः राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) का गठन किया गया है।

  • वर्तमान में एनसीबीसी केवल अन्य पिछड़ा वर्ग सूची से जातियों को शामिल करने और हटाने तथा आरक्षण के लाभ से इन जातियों को अलग करने वाली क्रीमी लेयर के लिए आय के स्तर को निर्धारित करने की अनुशंसा कर सकता है।
  • एनसीबीसी को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने के लिए 123वां संवैधानिक विधेयक (102वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम) पेश की गई, जो इसे सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के आयोग के समान अधिकार प्रदान करेगा।

एनसीबीसी का कार्यः आरक्षण लागू न होने, आर्थिक शिकायतें, हिंसा आदि से संबंधित शिकायतों के मामलों में नागरिक इस आयोग के समक्ष अपनी समस्याएं रख सकते हैं।

  • आयोग को अधिकारों और रक्षोपायों से वंचित होने की शिकायतों की जांच कर सकता है।
  • इसे दीवानी न्यायालय के समान मुकदमा चलाने, किसी को समन जारी करने, दस्तावेजों को प्रस्तुत करने और शपथ पत्र पर साक्ष्य प्राप्त करने की अनुमति प्रदान की गई है।