इस प्राधिकरण की स्थापना वर्ष 1999 में मल्होत्र समिति की सिफारिश के आधार पर बीमा उद्योग को विनियमित करने और उसका विकास सुनिश्चित करने के लिये एक स्वायत्त निकाय के रूप में किया गया था। इसे अप्रैल 2000 में IRDA को एक सांविधिक निकाय के रूप में निगमित किया गया।
प्रमुख उद्देश्यः बीमा बाजार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उपभोक्ता की पसंद और कम प्रीमियम के माध्यम से ग्राहकों की संतुष्टि को बढ़ाने के साथ ही प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना भी शामिल है।