संस्था/संगठन/आयोग

ललित कला अकादमीः देश-विदेश में भारतीय कला के प्रति समझ बढ़ाने और इसके प्रसार के लिए भारत सरकार ने सन् 1954 में नयी दिल्ली में ललित कला अकादमी की स्थापना की। लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई और भुवनेश्वर में अकादमी के क्षेत्रीय केन्द्र है। नयी दिल्ली के गढ़ी गांव में सामुदायिक कलाकार स्टूडियो परिसर बनाया गया है, जिसमें चित्रकला, मूर्तिकला, प्रिंट बनाने और चीनी-मिट्टी के काम पर कार्यशालाओं की भी सुविधा है। अपनी स्थापना के समय से ही अकादमी एक राष्ट्रीय ‘त्रैवार्षिक भारत’ नामक अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन करती है। अकादमी प्रख्यात कलाकारों और कला इतिहासकारों को हर वर्ष अपना फेलो चुनकर सम्मानित भी करती है।

  • देश में कलात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अकादमी कला संस्थाओं/ संघों को मान्यता देती है और हर वर्ष इन संस्थाओं को तथा राज्यों की अकादमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

संगीत नाटक अकादमीः 1953 में स्थापित संगीत नाटक अकादमी संगीत, नृत्य और नाटक की राष्ट्रीय संस्था है।

  • इसका उद्देश्य राज्यों और स्वैच्छिक संस्थाओं के सहयोग से प्रदर्शन कलाओं को बढ़ावा देना है। अकादमी संगीत और नाट्य कार्यक्रमों के आयोजन, अनुसंधान और प्रसार संबंधी गतिविधियों के द्वारा इन कला विधाओं के प्रति लोगों की समझ बढ़ाने का कार्य करती है। नृत्य प्रशिक्षण के लिए अकादमी दो राष्ट्रीय संस्थाओं का संचालन करती है-
    1. कत्थक केंद्र, नई दिल्ली
    2. जवाहर लाल नेहरू मणिपुरी नृत्य अकादमी, इंफाल
  • यह संगीत, नृत्य और अभिनय पर भारतीय भाषाओं के और अंग्रेजी पुस्तकों के प्रकाशन के लिए सहायता देती है और प्रतिष्ठित कलाकारों और विद्वानों को पुरस्कार तथा फेलोशिप प्रदान करती है।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (N.S.D.): इसकी स्थापना 1959 ई. में नई दिल्ली में संगीत नाटक अकादमी में की गई थी। सन् 1975 में इसे एक स्वायत्त संस्था बना दिया गया। इस विद्यालय ने देश को बहुत से प्रतिभाशाली अभिनेता, निर्देशक, पटकथा लेखक, डिजाइनर, टेक्नीशियन और शिक्षाविद दिये हैं, जो रंगमंच, फिल्म और टेलीविजन में काम कर रहे हैं और कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीत चुके हैं।