भारतीय अंतरिक्ष संघ

अक्टूबर, 2021 में प्रधानमंत्री ने भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISpA) का शुभारंभ किया।

ISpA अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित मामलों पर एकल खिड़की और स्वतंत्र एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।

प्रमुख बिंदुः ISpA को भारतीय अंतरिक्ष उद्योग को एकीकृत करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है।

ISpA का प्रतिनिधित्व प्रमुख घरेलू और वैश्विक निगमों द्वारा किया जाएगा जिनके पास अंतरिक्ष तथा उपग्रह प्रौद्योगिकियों में उन्नत क्षमताएं हैं।

  • ISpA भारत को आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से उन्नत और अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिये सरकार तथा उसकी एजेंसियों सहित भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में सभी हितधारकों के साथ नीतिगत एकीकरण और परामर्श करेगा।
  • ISpA भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के लिये वैश्विक संबंध बनाने की दिशा में भी काम करेगा, ताकि देश में महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकी और निवेश लाया जा सके तथा अधिक उच्च कौशल वाली नौकरियां सृजित की जा सकें।

महत्व

  • संगठन के मुख्य लक्ष्यों में से एक भारत को वाणिज्यिक अंतरिक्ष-आधारित सेवा प्रदाता के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों को पूरा करना है।
  • वर्तमान में इसरो के रॉकेट द्वारा विभिन्न देशों के पेलोड और संचार उपग्रहों को ले जाया जाता है।
  • अब निजी भागीदार भी इस संगठन के साथ संलग्न होने की कोशिश करेंगे।
  • कई निजी क्षेत्र की कंपनियों ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में रुचि दिखाई है, जिसमें अंतरिक्ष आधारित संचार नेटवर्क प्रमुख हैं।

अन्य संबंधित संगठन

  • इन-स्पेसः भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACE) को वर्ष 2020 में निजी कंपनियों को भारतीय अंतरिक्ष बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिये एक समान अवसर प्रदान करने हेतु अनुमोदित किया गया था।
  • NSIL: 2019 के बजट में सरकार ने एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) की स्थापना की घोषणा की थी, जो ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की विपणन शाखा के रूप में काम करेगी।
  • इसका मुख्य उद्देश्य इसरो द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का विपणन करना और इसे अधिक ग्राहक देशों को खोजना है, जिन्हें अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं की आवश्यकता है।
  • यह भूमिका अंतरिक्ष विभाग के तहत काम कर रहे एक अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन द्वारा पहले से ही निभाई जा रही थी और जो अभी भी कार्यशील है।