भारत पर्यटन विकास निगम अक्टूबर, 1966 में अस्तित्व में आया और इसने देश में पर्यटन के उत्तरोत्तर विकास, संवर्धन और विस्तार में प्रमुख भूमिका निभाई है।
इस निगम का मुख्य उद्देश्य होटलों का निर्माण, वर्तमान होटलों का अधिग्रहण और प्रबंध तथा होटलों, तट विहारों, ट्रैवल्स लॉज/रेस्टोरेंटों का विपणन तथा परिवहन, मनोरंजन, खरीददारी और सम्मेलन सेवाएं प्रदान करना।
पर्यटन विकास और इंजीनियरिंग उद्योग, जिसमें परादर्शी सेवाएं देना व परियोजना कार्यान्वयन शामिल हैं, कि आवश्यकताओं के लिए नवीन, विश्वसनीय सेवाएं देना तथा पैसे का पूरा मूल्य प्रदान करना शामिल है।