भारत-श्रीलंका मत्स्यन विवाद

हाल ही में श्रीलंकाई अधिकारियों ने 68 भारतीय मछुआरों को हिरासत में ले लिया तथा उनके 10 नौकाओं को भी जब्त कर लिया। उनके अनुसार ये मछुआरे श्रीलंका के जल क्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ रहे थे।

  • भारत ने श्रीलंका सरकार के समक्ष भारतीय मछुआरों को शीघ्र रिहा करने और उनके नौकाओं को छोड़ने का मुद्दा उठाया है।
  • तमिलनाडु तट से मत्स्यन हेतु मछुआरे तलाईमन्नार तथा
  • कट्चातिवु तटों (श्रीलंका में स्थित समृद्ध समुद्री संसाधनों वाला एक प्रसिद्ध क्षेत्र) की ओर चले जाते हैं। इससे उन्हें श्रीलंकाई नौसेना की सैन्य कार्यवाही (औसतन गोली मार देना) का सामना करना पड़ता है।

भारत-श्रीलंका मत्स्यन विवाद के लिए उत्तरदायी कारण

परिभाषित समुद्री सीमा का अभावः भारत और श्रीलंका ने वर्ष 1974-76 के मध्य चार समुद्री सीमा समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे, किन्तु दोनों देशों के मध्य कोई सुपरिभाषित समुद्री सीमा नहीं है।

कठोर निगरानीः वर्ष 2009 के बाद से श्रीलंकाई नौसेना ने तमिल विद्राेहियों की संभावित वापसी को रोकने के लिए अपनी उत्तरी समुद्री सीमा की निगरानी कठोर कर दी है।

तमिलनाडु तट के समीप समुद्री संसाधनों की कमीः यह तमिलनाडु तट के समीप समुद्री संसाधनों की कमी (निरंतर बॉटम-ट्रॉलिंग के कारण) का ही परिणाम है कि भारतीय मछुआरे अपेक्षाकृत संसाधन-समृद्ध श्रीलंकाई जल क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं।

  • श्रीलंका ने वर्ष 2017 में अपने जल क्षेत्र में बॉटम-ट्रॉलिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था।