इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2020

टाटा ट्रस्ट्स द्वारा जनवरी, 2021 में जारी इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2020 (India Justice Report 2020) में न्याय वितरण के मामले में महाराष्ट्र को शीर्ष स्थान प्रदान किया गया है।

  • रिपोर्ट में न्याय वितरण के चार स्तंभों: पुलिस, न्यायपालिका, जेल और कानूनी सहायता पर एक साथ आंकड़े जारी किये गए हैं।

प्रमुख तथ्यः द इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (IJR) टाटा ट्रस्ट्स की एक पहल है, जिसे सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, कॉमन कॉज, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, दक्ष (DAKSH), विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी, हाउ इंडिया लाइव्स तथा टाटा इंस्टिटड्ढूट ऑफ सोशल साइंसेज के प्रयास (TISS-Praysa) नामक संगठन के सहयोग से तैयार किया गया है।

  • रिपोर्ट में प्रभावी ढंग से सभी को सेवाएं देने के लिए न्याय वितरण संरचनाओं को सक्षम बनाने में राज्यों द्वारा की गई प्रगति का आकलन किया गया है तथा मार्च 2020 से पहले मौजूद नवीनतम आंकड़ों और स्थितियों पर ध्यान दिया गया है।
  • यह रिपोर्ट चिह्नित मापदंडों के आधार पर न्याय प्रणाली के 4 स्तंभों में राज्यों की क्षमता के आधार पर उन्हें रैंक प्रदान करती है; ये 4 स्तंभ हैं- पुलिस (police), जेल प्रणाली (prisons), न्यायपालिका (judiciary) और कानूनी सहायता (legal aid)।
  • रिपोर्ट ने राज्यों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया है; पहली श्रेणी में 1 करोड़ से अधिक आबादी वाले 18 ‘बड़े और मध्यम आकार के राज्य’ (Large and Mid-sized states) तथा दूसरी श्रेणी में 1 करोड़ से कम आबादी वाले 7 ‘छोटे राज्य’ (Small States) शामिल हैं।
  • समग्र रैंकिंगः न्याय वितरण के संदर्भ में 18 बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में महाराष्ट्र को शीर्ष रैंक प्रदान की गई है। ओवरआल रैंकिंग में दूसरे स्थान पर तमिलनाडु, तीसरे स्थान पर तेलंगाना, चौथे स्थान पर पंजाब तथा पांचवें स्थान पर केरल को रखा गया। समग्र रैंकिंग में छोटे राज्यों में त्रिपुरा शीर्ष पर है, तथा उसके बाद सिक्किम और गोवा को क्रमशः दूसरी एवं तीसरी रैंक प्रदान की गई है।
  • जेल प्रणालीः जेलों के संदर्भ में बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में राजस्थान को शीर्ष स्थान पर रखा गया है। जेलों के संदर्भ में छोटे राज्यों में हिमाचल प्रदेश को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है। हिमाचल प्रदेश द्वारा काफी बेहतर प्रदर्शन किया गया; वर्ष 2019 की रिपोर्ट में यह 6वें स्थान पर था।
  • पुलिसः बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में पुलिस के मामले में कनार्टक को पहली रैंक प्रदान की गई है। छोटे राज्यों में हिमाचल प्रदेश शीर्ष स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस बल में सर्वाधिक महिलाओं को रोजगार देने (25.3%) के संदर्भ में छोटे बड़े सभी 25 राज्यों में बिहार शीर्ष स्थान पर है।

न्यायपालिकाः न्यायपालिका के संदर्भ में शीर्ष बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में तमिलनाडु पहले स्थान पर है, जबकि छोटे राज्यों में सिक्किम शीर्ष राज्य है। भारतीय न्यायपालिका में मौजूद कुल न्यायाधीशों में से महिला न्यायाधीशों का हिस्सा केवल 29% है।

  • उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के रूप में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की कमी है। 33-3% महिला न्यायाधीशों के साथ सिक्किम इस सूची में सबसे ऊपर है।

कानूनी सहायताः रिपोर्ट में कहा गया है कि कानूनी सहायता पर प्रति व्यक्ति खर्च वर्ष 2017-2018 के 75 पैसे से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 1.05 रुपये हो गया है। कानूनी सहायता के संदर्भ में /बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में महाराष्ट्र शीर्ष स्थान पर तथा छोटे राज्यों में गोवा शीर्ष राज्य है।

समग्र रैंकिंग में शीर्ष 5 बड़े और मध्यम आकार के राज्य

रैंक

राज्य

1.

महाराष्ट्र

2.

तमिलनाडु

3.

तेलंगाना

4.

पंजाब

5.

केरल

निःशुल्क विधिक सहायता सेवाओं का अनुभवजन्य विश्लेषण

जुलाई 2019 में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली द्वारा विधिक प्रतिनिधित्व की गुणवत्ता भारत में निःशुल्क विधिक सहायता सेवाओं का अनुभवजन्य विश्लेषण नामक एक रिपोर्ट जारी की। निःशुल्क विधिक सेवा के माध्यम से उन लोगों को विधिक सहायता प्रदान की जाती है, जो अपने लिए दीवानी एवं आपराधिक मामलों के लिए एक वकील की सेवाओं और न्यायिक प्रक्रिया की लागत का वहन करने में असक्षम होते हैं।

भारत में निःशुल्क विधिक सहायता अथवा निःशुल्क विधिक सेवाओं का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मूल अधिकार है। सरकार ने 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 के तहत संविधान में अनुच्छेद 39A को अंतःस्थापित किया गया था, जो राज्य को उपयुक्त कानून, योजनाओं अथवा किसी अन्य विकल्प के द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने हेतु निर्देशित है।