मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व रिपोर्ट

जुलाई 2021 में वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (World Wildlife Fund for Nature- WWF) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा ‘ए फ्यूचर फॉर ऑल- ए नीड फॉर ह्यूमन- वाइल्डलाइफ कोएग्जिस्टेंस’ (A Future for All-A Need for Human-Wildlife Coexistence) रिपोर्ट जारी की गई।

  • इसमें बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष (Human-Wildlife Conflict- HWC) पर प्रकाश डाला गया है।
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष से संबंधित मौतों में विश्व की जंगली बिल्ली प्रजातियों की 75% से अधिक तथा कई अन्य स्थलीय एवं समुद्री मांसाहारी प्रजातियां जैसे- ध्रुवीय भालू, भूमध्यसागरीय मोंक सील एवं हाथी आदि बड़े शाकाहारी जीव प्रभावित होते हैं।

रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य

इस रिपोर्ट के अनुसार, मानव-पशु संघर्ष (human-animal conflict) विश्व की सबसे प्रतिष्ठित प्रजातियों के दीर्घकालिक अस्तित्व के लिए मुख्य खतरों में से एक है।

  • संघर्ष से संबंधित मौतें दुनिया की 75% से अधिक जंगली बिल्ली प्रजातियों (wild cat species) को प्रभावित करती हैं।
  • संघर्षों के कारण 1970 के बाद से वैश्विक वन्यजीव आबादी में 68% की कमी आई है।

भारत की स्थिति

  • भारत में, मानव-हाथी संघर्ष के परिणामस्वरूप 2014-2015 और 2018-2019 के दौरान 500 हाथियों और 2361 लोगों की मौत हुई।
  • दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मानव आबादी और बाघों, एशियाई शेरों, एशियाई हाथियों, एक सींग वाले गैंडों आदि की बड़ी आबादी होने के कारण भारत मानव-वन्यजीव संघर्ष से सबसे अधिक प्रभावित होने जा रहा है।