सरकारी प्रतिभूति अधिग्रहण कार्यक्रम

RBI ने वर्ष 2021-22 के लिये एक द्वितीयक बाजार सरकारी प्रतिभूति (G-sec) अधिग्रहण कार्यक्रम या G-SAP 1.0 लागू करने का निर्णय लिया है। यह RBI की ‘खुली बाजार प्रक्रियाओं’ (OMOs) का हिस्सा है। इस कार्यक्रम के तहत RBI सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) की खुली बाजार खरीद के विशिष्ट मूल्य का संचालन करेगा।

उद्देश्यः विभिन्न वित्तीय बाजार साधनों के मूल्य निर्धारण में सरकारी प्रतिभूति बाजार की केंद्रीय भूमिका को देखते हुए सरकारी प्रतिभूति बाजार में अस्थिरता से बचना। यह बॉण्ड बाजार सहभागियों को वित्त वर्ष 2021-22 में RBI के समर्थन की प्रतिबद्धता के संबंध में निश्चितता प्रदान करेगा।

  • इस संरचित कार्यक्रम की घोषणा से रेपो दर और 10-वर्षीय सरकारी बॉण्ड यील्ड के बीच के अंतर को कम करने में मदद मिलेगी।
  • यह वित्त वर्ष 2021-22 में केंद्र और राज्यों की उधार लेने की कुल लागत को कम करने में मदद करेगा। यह व्यवस्थित तरलता की स्थिति के बीच ‘यील्ड कर्व’ (ल्पमसक ब्नतअम) के स्थिर और व्यवस्थित विकास को सक्षमता प्रदान करेगा।

‘यील्ड कर्व’

  • यह एक ऐसी रेखा है, जो समान क्रेडिट गुणवत्ता वाले, लेकिन अलग-अलग परिपक्वता तिथियों वाले बॉण्ड की ब्याज दर को दर्शाती है। ‘यील्ड कर्व’ का ढ़लान भविष्य की ब्याज दर में बदलाव और आर्थिक गतिविधि को आधार प्रदान करता है।