इसका लक्ष्य ई-कचरे के पुनर्चक्रण या उसे विघटित करने में संलग्न इकाइयों को वैधता प्रदान करना तथा उन्हें संगठित करना है।
चरणबद्ध संग्रहः इसने ई-कचरे के लिए चरणबद्ध संग्रह का लक्ष्य प्रस्तुत किया है जो कि 2017-18 के दौरान EPR योजना में निर्दिष्ट किये गए अपशिष्ट उत्पादन की मात्रा का 10% होगा। 2023 तक इसमें प्रत्येक वर्ष 10% की वृद्धि का लक्ष्य भी समाहित है।
रिडक्शन ऑफ हैजार्डस सब्सटेंसेज (RoHS): इसके तहत RoHS परीक्षण आयोजित करने के लिए सैंपलिंग और टेस्टिंग हेतु जो लागत आएगी वह सरकार द्वारा वहन की जाएगी और यदि उत्पाद RoHS प्रावधानों का पालन नहीं करता है, तो लागत उत्पादकों द्वारा वहन की जाएगी।
प्रोडड्ढूसर रिस्पांसिबिलिटी ऑर्गेनाईजेशन (PROs): PROs को नए नियमों के तहत कामकाज करने के लिए स्वयं को पंजीकृत कराने हेतु केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करना होगा।