आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005

इस अधिनियम को वर्ष 2005 में भारत सरकार द्वारा आपदाओं के कुशल प्रबंधन और इससे जुड़े अन्य मामलों के लिये पारित किया गया था। हालांकि यह जनवरी 2006 में लागू हुआ। आपदा प्रबंधन में शमन रणनीति तैयार करना, क्षमता निर्माण करना आदि शामिल है।

  • धारा 2 (d) में ‘आपदा’ को परिभाषित किया गया है, जिसके अंतर्गत आपदा का अर्थ प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से उत्पन्न किसी भी क्षेत्र में ‘तबाही, दुर्घटना, आपदा या गंभीर घटना’ से है। यह अधिनियम गृह मंत्रालय को समग्र राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन को संचालित करने के लिये नोडल मंत्रालय के रूप में नामित करता है।

संस्थागत संरचनाः यह राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर संस्थानों की एक व्यवस्थित संरचना बनाए रखता है।

  • यह आपदाओं के प्रति समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिये नीतियां, योजनाएं तथा दिशा-निर्देश तैयार करने हेतु यह एक शीर्ष निकाय है।
  • आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 8 के अंतर्गत राष्ट्रीय प्राधिकरण को उसके कार्यों के निष्पादन में सहायता देने के लिये एक राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का गठन किया गया है।
  • इस समिति को आपदा प्रबंधन हेतु समन्वयकारी और निगरानी निकाय के रूप में कार्य करने, राष्ट्रीय योजना बनाने तथा राष्ट्रीय नीति का कार्यान्वयन करने का उत्तरदायित्व दिया गया है।