इसकी स्थपाना वर्ष 1995 में की गयी थी तथा वर्ष 2000 में उद्योग विकास के विभाग के विलय के साथ इसका पुनर्गठन किया गया था।
इससे पहले 1999 में लघु उद्योग और कृषि तथा ग्रामीण उद्योग तथा भारी उद्योग और सार्वजानिक उद्यम के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया था। इस विभाग को पहले औधोगिक नीति एवं संवर्धन विभाग कहा जाता था और जनबरी 2019 में इसका नाम बदल कर उद्योग संवर्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग कर दिया गया है