बलवंत राय मेहता समिति

जनवरी, 1957 ई- में बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया जिसने सामुदायिक विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय विस्तार सेवा का व्यापक अध्ययन करने के बाद 24 नवम्बर, 1957 को अपनी रिपोर्ट सरकार के सम्मुख प्रस्तुत की। इस समिति को गठित करने का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना था कि जनता में पंचायतों के प्रति उत्साह क्यों कम है और इस समस्या से निजात पाने के लिए कौन सी पद्धति अपनायी जानी चाहिए?

समिति की सिफारिशें

पंचायती राज का ढांचा त्रिस्तरीय होना चाहिए - ग्राम, प्रखण्ड और जिला स्तर पर और ये आपस में जुड़े होने चाहिए।

  • विकेन्द्रित प्रशासनिक ढांचा निर्वाचित प्रतिनिधियों के हाथ में होना चाहिए।
  • पंचायतों में आवश्यकता अनुसार निर्वाचित प्रतिनिधि होने चाहिए एवं महिलाओं के लिए दो तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए एक-एक स्थान आरक्षित होना चाहिए।
  • सरकार को कुछ कार्यों व अधिकारों को निचले स्तर पर हस्तांतरित करना चाहिए तथा निचले स्तरों पर पर्याप्त वित्तीय साधन भी उपलब्ध कराने चाहिए।
  • समिति ने सिफारिश की कि पंचायती राज संस्था चुनी हुई और कानूनी होनी चाहिए, उसका कार्य क्षेत्र व्यापक होना चाहिए।
  • पंचायती राज प्रणाली स्थानीय नेतृत्व और सरकार के बीच कड़ी का कार्य करती है तथा सरकारी नीतियों को मूर्तरूप देती है।