1971 के रामसर सम्मेलन के पश्चात बंजर भूमि के प्रति धारणा बदल गयी। वर्तमान में बंजर भूमि के पारिस्थितिक महत्व को मान्यता मिली है। अंतरिक्ष विभाग के सहयोग से भारत सरकार (ग्रामीण विकास मंत्रालय) ने बंजर भूमि एटलस जारी किया है, जो निम्नानुसार हैं -
2015-16 में देश के कुल बंजर भूमि का क्षेत्रफल 5,57,665.51 वर्ग किमी. था जबकि 2008-09 में 5,66,070.36 वर्ग किमी था। 2008-09 से 2015-16 के दौरान 8,404.86 वर्ग किमी बंजर भूमि का गैर-बंजर भूमि में रूपांतरण हुआ है।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में बंजर भूमि के उपयोग का मार्ग प्रशस्त करती है, जबकि ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और असम जैसे राज्यों में बंजर भूमि में वृद्धि देखी गई।