जुलाई 2019 में संसद द्वारा सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया गया। इस संशोधन विधेयक द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) तथा सूचना आयुक्तों (ICs) के निश्चित कार्यकाल की समाप्ति तथा वेतन का निर्धारण किया गया और निर्धारित किया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा CIC और ICs की पदावधि को अधिसूचित किया जाएगा। इस संशोधन के माध्यम से केंद्र और राज्य स्तर के मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्तों के वेतन, भत्ते तथा अन्य सेवा शर्तों का निर्धारण करने हेतु केंद्र सरकार को सशक्त बनाया गया है।
इन संशोधनों का उद्देश्य मुख्य सूचना आयुक्तों, सूचना आयुक्तों और राज्य सूचना आयुक्तों के लिए वेतन, भत्ते एवं सेवा शर्तों से संबंधित नियमों के निर्माण करने हेतु RTI अधिनियम के तहत प्रावधान करना है। वर्तमान में, RTI अधिनियम, 2005 के तहत इस प्रकार के प्रावधान उपलब्ध नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त के वेतन एवं भत्ते तथा अन्य सेवा शर्तें उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के समान हैं। इसलिए, वेतन एवं भत्ते तथा अन्य सेवा शर्तों के मामले में CIC, ICs और राज्य CIC की स्थिति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के समान हो जाती है। जबकि, भारत निर्वाचन आयोग तथा केंद्रीय व राज्य सूचना आयोगों द्वारा निष्पादित किए जाने वाले कार्य पूर्णतः पृथक-पृथक हैं।