राजस्थान पंचायती राज एवं नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2019
11 फरवरी, 2019 को राजस्थान विधान सभा ने राजस्थान पंचायती राज एवं नगर पालिका (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित कर राजस्थान में पंचायती राज और स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में पंचायत समिति, जिला परिषद व नगरपालिका का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता वर्ष 2015 में लागू की गयी थी, जिसके अंतर्गत पूर्व में जिला परिषद या पंचायत समिति चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता माध्यमिक स्तर (दसवीं कक्षा) उतिर्ण होना; सरपंच का चुनाव लड़ने के लिये सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार को आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना जबकि एससी/एसटी श्रेणी के उम्मीदवारों को पांचवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य था।
सुझाव
इस संशोधन विधेयक के संदर्भ में लोग दो वर्गों में बंटे दिखाई देते हैं। एक वर्ग के लोगों का यह मानना है कि हालिया निर्णय कई मायनों में स्वागत योग्य है, जबकि वहीं दूसरे वर्ग के लोग पंचायत चुनावों हेतु न्यूनतम शैक्षणिक मानदंड जैसे नियमों को अनिवार्य बताते हैं।
किसी भी देश के राजनेता उस देश के समाज के प्रतिबिंब होते हैं। अतः राजनेताओं के लिए न्यूनतम शैक्षणिक मानदंड होना चाहिए। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि ‘यह केवल शिक्षा है जो मनुष्य को सही और गलत, अच्छे और बुरे के बीच भेद करने की शक्ति देती है।’