24 दिसंबर 2019 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे के रूपांतकारी संगठनात्मक पुनर्गठन को स्वीकृति प्रदान की है। रेलवे पुनर्गठन का मुद्दा दशकों से बना हुआ है, क्योंकि प्रकाश टंडन समिति (1994); राकेश मोहन समिति (2001); सैम पित्रेदा समिति (2012); एवं बिबेक देबरॉय समिति (2015) समितियों द्वारा सेवाओं के एकीकरण की संस्तुति की गयी थी।
रेलवे का अनुमोदित सुधार
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